क्या कश्मीर में आतंकी घटनाएं बढ़ती ही जा रही हैं?
९ नवम्बर २०२०मुठभेड़ रविवार आठ नवंबर को नियंत्रण रेखा के पास कुपवाड़ा जिले के माछील सेक्टर में हुई. यह कई महीनों में इलाके में सुरक्षाबलों को होने वाला सबसे बड़ा नुकसान है. मुठभेड़ की शुरुआत तब हुई जब बीएसएफ के सिपाहियों ने नियंत्रण रेखा के पास जंगलों में संदिग्ध गतिविधि देखी. सेना के अधिकारियों के अनुसार जब बीएसएफ के जवानों ने उस गतिविधि में शामिल संभावित आतंकियों को चुनौती दी, तो उन्होंने गोलियां चलाना शुरू कर दिया, जिसके मुठभेड़ शुरू हो गई
सेना के अधिकारी कर्नल राजेश कालिया ने बताया कि शुरूआती गोलाबारी में एक सैनिक और एक संदिग्ध आतंकवादी मारा गया और उसके बाद वहां और भी सुरक्षाकर्मी भेजे गए. कर्नल कालिया के अनुसार बाद में दो और सैनिक और दो संदिग्ध आतंकी भी मारे गए. इसके पहले इसी साल अप्रैल में दो अलग अलग घटनाओं में नौ संदिग्ध आतंकी और तीन सैनिक मारे गए थे.
नियंत्रण रेखा पर भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार गोलीबारी होती रहती है लेकिन ये घटनाएं अगस्त 2019 में भारत सरकार द्वारा जम्मू और कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को निरस्त कर देने के बाद से बढ़ गई हैं. तब से इलाके में तनाव बढ़ा हुआ है और हाल में गैर-कश्मीरियों को वहां जमीन खरीदने की अनुमति देने के कदम के बाद स्थानीय लोगों में नाराजगी है.
कश्मीर भारत का एकमात्र मुस्लिम-बहुल प्रांत है और कई कश्मीरियों ने केंद्र सरकार पर इलाके की स्थानीय आबादी के साथ नाइंसाफी करने का आरोप लगाया है. माना जा रहा है कि कश्मीर में केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के जवाब में पिछले सप्ताह पाकिस्तान ने गिलगित-बाल्तिस्तान को राज्य का दर्जे देने की घोषणा की.
गिलगित-बाल्तिस्तान कश्मीर इलाके का एक हिस्सा है जिसे लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच पुराना विवाद है. यह भारत के जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के उत्तर-पश्चिम में पड़ता है. पाक अधिकृत कश्मीर, पाकिस्तान का खैबर-पख्तुनख्वा प्रांत, अफगानिस्तान का वखान गलियारा और चीन का शिंकियांग इलाका इससे सटे हुए हैं.
सीके/एए (एएफपी)
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