गिलगित बल्तिस्तान को अलग प्रांत बनाए जाने पर भारत नाराज
२ नवम्बर २०२०इससे पहले पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्तान सरकार को गिलगित बल्तिस्तान में पहली बार चुनाव कराने की अनुमति दे दी थी. वहां 15 नवंबर को पहली बार चुनाव होने हैं. प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार एक नवंबर को इलाके को देश का पांचवां राज्य घोषित कर दिया. अभी तक इलाके को अर्ध-स्वायत्त (सैमी-ऑटोनोमस) दर्जा मिला हुआ था.
भारत ने इस कदम का कड़ा विरोध करते हुए कहा है कि गिलगित बल्तिस्तान, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा है और पाकिस्तान ने गिलगित बल्तिस्तान पर गैर कानूनी रूप से कब्जा जमाया हुआ है. विदेश मंत्रालय ने पूरे मामले पर एक बयान जारी करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने यह कदम इलाके पर अपने अवैध कब्जे को छुपाने के लिए उठाया है.
मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान इस बात को छिपा नहीं सकता कि वो पिछले 70 सालों से वहां के लोगों के मानवाधिकारों के उल्लंघन कर रहा है, उनका शोषण कर रहा है और उनकी अभिव्यक्ति की आजादी का हनन कर रहा है. भारत ने यह भी कहा है कि पाकिस्तान तुरंत उन सभी इलाकों से अपना नियंत्रण हटा ले जिन पर उसने अवैध कब्जा किया हुआ है.
गिलगित बल्तिस्तान कश्मीर इलाके का एक हिस्सा है जिसे लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच पुराना विवाद है. यह भारत के जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के उत्तर-पश्चिम में पड़ता है. पाक अधिकृत कश्मीर, पाकिस्तान का खैबर-पख्तुनख्वा प्रांत, अफगानिस्तान का वखान गलियारा और चीन का शिंकियांग इलाका इससे सटे हुए हैं.
माना जा रहा है कि उसे अलग राज्य का दर्जा दे कर पाकिस्तान सरकार ने भारत द्वारा जम्मू और कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को हटाने के खिलाफ जवाबी कार्रवाई है. भारत ने यह कदम पांच अगस्त 2019 को उठाया था और पाकिस्तान तब से इसकी आलोचना कर रहा है.
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