1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

गर्म होती दुनिया बच्चों के लिए घातक है

१४ नवम्बर २०१९

पहले की तुलना में गर्म वातावरण में पल रहे बच्चों के सामने स्वास्थ्य से जुड़ी ज्यादा समस्याएं होंगी, कम से कम उनके मां बाप की तुलना में.

https://p.dw.com/p/3T3R2
USA - Waldbrände in Californien
तस्वीर: picture-alliance/AP/M. Jose Sanchez

डॉक्टरों की एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट में ये बात कही गई है. डायरिया के बढ़ते मामले, ज्यादा खतरनाक गर्म हवाएं, वायु प्रदूषण और मच्छरों से फैलने वाली डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों ने पहले ही दुनिया भर के स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल रही हैं. दुनिया के स्वास्थ्य के बारे में मेडिकल जर्नल लांसेट में इस बारे में सालाना रिपोर्ट छपी है. रिपोर्ट और उसे तैयार करने वाले लेखकों का कहना है कि अगर गर्मी बढ़ाने वाली गैसों के उत्सर्जन पर रोक नहीं लगी तो दुनिया की नौजवान पीढ़ी के लिए भविष्य में स्वास्थ्य की समस्या गंभीर होगी.

रिपोर्ट की सहलेखिका डॉ रेनी सालास ने कहा, "आज पैदा होने वाला बच्चा जब अपनी जिंदगी में आगे बढ़ेगा तो वह ज्यादा से ज्यादा ऐसे नुकसान के संपर्क में आएगा जो मैंने नहीं झेला है. मुझे नहीं लगता कि स्वास्थ्य के लिहाज से इससे ज्यादा आपात स्थिति हो सकती है."

Bildergalerie Indien Smog
तस्वीर: picture-alliance/Photoshot/P. Sarkar

डायरिया फैलाने वाले बैक्टीरिया विब्रियो के फैलने के लिए अनुकूल दिनों की संख्या 1980 के बाद पहले ही दोगुनी हो चुकी है. पिछले साल इस बीमारी की चपेट में जितने लोग आए वह अब तक की दूसरी सबसे बड़ी संख्या है. गर्म होते वातावरण में अमेरिका के तटीय इलाकों का 29 फीसदी विब्रियो के लिहाज से संवेदनशील हो चुका है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि विब्रियो का हैजा वाला संस्करण भी 10 फीसदी बढ़ चुका है.

रिपोर्ट के मुताबिक ये बीमारियां बच्चों को ज्यादा प्रभावित करती हैं. बच्चे, बुजुर्ग और बीमार लोग अत्यधिक गर्मी के कारण खतरनाक बुखार, सांस की बीमारी और किडनी की समस्या के शिकार बनते हैं. रिपोर्ट के मुख्य लेखक निक वाट्स का कहना है, "बच्चे सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं. जलवायु परिवर्तन का सबसे ज्यादा बोझ उन्हीं पर पड़ेगा. उनके स्वास्थ्य पर इसका बिल्कुल अलग तरीके से असर होगा."

Indien: Umweltbelastung und Luftverschmutzung in Neu-Delhi
तस्वीर: Getty Images/AFP/S. Hussain

बीते दशकों में मेडिसिन और सार्वजनिक स्वास्थ्य बेहतर हुआ है, लोग लंबा जी रहे हैं. हालांकि डॉ रेनी सालास का कहना है कि जलवायु परिवर्तन, "उन सबको खत्म कर देगा जो हमने हासिल किया है." सालास का कहना है कि कई बीमारियां जलवायु में बदलाव के कारण बहुत दूर तक फैल रही हैं. इसी साल जुलाई में एक बुजुर्ग मरीज उनके पास आया था जिसके शरीर का तापमान 106 डिग्री तक चला गया था. एंबुलेंस के कर्मचारी ने बताया कि वह एक सार्वजनिक घर की सबसे ऊपरी मंजिल पर रहता था जिसमें एयरकंडिशन नहीं लगा था. जब घर का दरवाजा खुला तो तेज गर्म हवा का झोंका कर्मचारियों से आ कर टकराया. सालास ने मरीज की जान तो बचा ली लेकिन एक डॉक्टर के रूप में उन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ा. कई बार तो कुछ मामलों में उनके पास भी कोई उपाय नहीं होता. जैसे कि दिमाग में घातक रक्तस्राव के मामले में.

एनआर/एमजे (एपी)

__________________________

हमसे जुड़ें: WhatsApp | Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी