गूगल का सवाल जवाब पन्ना चीन में गुल
४ अगस्त २०१०गूगल के इस पन्ने पर लोगों को सवाल पूछने की आज़ादी है और कुछ लोगों ने इसी का इस्तेमाल कर कुछ ऐसे सवाल पूछ दिए हैं जो चीन सरकार के लिए संवेदनशील हो सकते हैं. इनमें से कुछ सवाल 1989 में चीन के तियानानमेन स्क्वेयर में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों और हिंसा से भी जुड़े है. चीन की सरकार ने इन प्रदर्शनों को बुरी तरह से कुचल दिया था. एक सवाल में पूछा गया है कि अगली बार तियानानमेन जैसे विरोध पर चीन सरकार क्या करेगी. जवाब आया है बहुत जल्द कम्युनिस्ट पार्टी का पतन हो जाएगा. इसी तरह के कुछ सवाल माओ और गुआंगझू के बारे में भी हैं. गुआंगझू में हाल ही में केंटोन भाषा बोलने वालों ने प्रदर्शन किया था.
गूगल की प्रवक्ता ने कहा, "अगर यह पन्ना नहीं दिख रहा है तो आपको सरकार से ये पूछने की जरूरत है कि क्या उन्होंने इसे बंद किया है." चीन में इंटरनेट पर निगाह रखने वाली संस्था स्टेट काउंसिल इंफॉर्मेशन सेंटर ने इस बारे में कोई बयान नहीं दिया है. गूगल ने इसी साल चीन को यह कहकर नाराज़ कर दिया था कि वो उसकी सेंसरशिप नियमों को मानने के लिए तैयार नहीं है. इसके बाद कंपनी ने स्थानीय साइट को बंद कर दिया और सारा काम हांग कांग की साइट से होने लगा. लंबे समय तक ब्रिटिश शासन के अधीन रहा हांग कांग 1997 में चीन में तो शामिल हो गया लेकिन वह अभी भी कई मामलों में चीन से स्वतंत्र है.
चीन की सरकार सामाजिक स्थायित्व को बनाए रखने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है. वह नहीं चाहती कि उसकी आवाम दुनिया भर से आनेवाली हर जानकारी से जुड़े इसलिए वो इंटरनेट के सर्चइंजनों पर निगाह रखती है. चीन में दुनिया भर में सबसे ज्यादा 42 करोड़ लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/ एन रंजन
संपादनः ए जमाल