गूगल ने ब्रिटेन में भी लोगों का डाटा चुराया
२५ अक्टूबर २०१०ऐसा जर्मनी और ब्रिटेन में हो चुका है. गूगल ने खुद माना है कि उसकी कार ने लोगों के पासवर्ड्स और डाटा चुराया. जर्मनी के बाद गूगल ने ब्रिटेन में भी लोगों की जासूसी की बात मान ली है. कैलिफॉर्निया स्थित इस इंटरनेट सर्च इंजन ने हालांकि अपनी इस हरकत के लिए माफी मांगी है लेकिन ब्रिटेन ने इस बात को काफी गंभीरता से लिया है. लोगों की निजता के पहरेदार इन्फॉर्मेशन कमिशनर के दफ्तर ने कहा है कि वह गूगल के माफीनामे पर विचार करेगा.
अखबार द संडे टेलीग्राफ ने खबर छापी है कि गूगल ने अपनी नई सर्विस स्ट्रीट व्यू के लिए डाटा जुटाने के वास्ते जो कार भेजी उसने लोगों के ईमेल्स और डाटा चुराए. अखबार ने कंपनी के इंजीनियरिंग और रिसर्च शाखा के उपाध्यक्ष एलन यूस्टेस के हवाले से लिखा है, "जो डाटा हमें मिला है, उसके अवलोकन से साफ जाहिर है कि कुछ मामलों में ईमेल के पूरे पते और यूआरएल के साथ साथ पासवर्ड्स भी आ गए हैं. हालांकि ज्यादातर डाटा खंडित है. लेकिन हम इसे जल्द से जल्द डिलीट करना चाहते हैं. मैं इस बात के लिए माफी चाहता हूं कि हमने ऐसा किया."
गूगल की इस हरकत का असर इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले लाखों लोगों पर हुआ है. गूगल ने डाटा जुटाने का यह काम 2008 में शुरू किया. इस साल मई में गूगल ने माना कि उसकी कार सूचनाएं जुटाने के लिए वायरलेस तकनीक से काम कर रही है. इस तकनीक के जरिए रेडियो तरंगें कंप्यूटर को टेलीकम्यूनिकेशन नेटवर्क्स से जोड़ देती हैं. स्ट्रीट व्यू के लिए गूगल ने अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी समेत कई देशों में तस्वीरें ली हैं.
इस सूचना में लोगों के निजी ईमेल भी उसके पास जमा हो गए हैं. लोगों ने जो इंटरनेट वेबसाइटें देखीं वे सारी इस डेटा में आ गईं और पासवर्ड्स भी उसे मिल गए.
प्राइवेसी इंटरनेशनल के सिमोन डेविस कहते हैं कि ये स्कैंडल जैसे हालात हैं. उन्होंने कहा, "कंपनी को पूरी जांच करनी चाहिए और उसके बाद एक सार्वजनिक रिपोर्ट जारी करनी चाहिए कि असल में क्या हुआ. ऐसे बहुत से सवाल हैं जिनका जवाब लोगों को मिलना ही चाहिए."
प्राइवेसी इंटरनेशनल ने इस मामले में स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस को एक शिकायत भी की है.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ओ सिंह