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समाज

जर्मन सेना में गैर-जर्मनों को भर्ती करने की योजना

२७ दिसम्बर २०१८

जर्मनी की सेना में जर्मन नागरिकों के अलावा यूरोपीय संघ के और देशों के लोगों को भी भर्ती करने का सुझाव दिया गया है. अस्थाई सेवा और पेशेवरों के रुप में उनकी नियुक्ति से सेना में लोगों की कमी से निपटने की योजना है.

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Verteidigungsministerin von der Leyen in Mali
तस्वीर: picture-alliance/dpa/M. Kappeler

जर्मन सेना यानि बुंडेसवेयर के जनरल इंस्पेक्टर एबरहार्ड जोर्न चाहते हैं कि सेना में डॉक्टर और आईटी विशेषज्ञों के रूप में यूरोपीय संघ के किसी भी नागरिक की सेना में भर्ती का रास्ता खोला जाए. अब तक जर्मन सेना में भर्ती के लिए जर्मनी का नागरिक होना जरुरी है.

जर्मनी में सन 2011 से सेना में भर्ती को पूरी तरह से वैकल्पिक बनाया गया. उसके पहले करीब 50 सालों तक यह अनिवार्य हुआ करता था. इसके अंतर्गत नौसेना, वायु सेना और अब साइबर डिवीजन जैसे बुंडेसवेयर के सभी हिस्सों में भर्ती के लिए विस्तृत भर्ती अभियान चलाए जा सकते हैं.

Deutschland Zorn soll Wieker als Generalinspekteur nachfolgen
बुंडेसवेयर के जनरल इंस्पेक्टर एबरहार्ड जोर्न तस्वीर: imago/Becker&Bredel

बुंडेसवेयर के जनरल इंस्पेक्टर जोर्न ने जर्मन राज्य एसेन के एक अखबार से बातचीत में कहा, "जिस तरह से लोगों कि कमी पड़ रही है, जर्मनी को हर तरफ से उपयुक्त लोगों को भर्ती करने के बारे में सोचना चाहिए." उन्होंने कहा, "यूरोपीय संघ के नागरिकों को भर्ती करना एक विकल्प हो सकता है. हम यहां डॉक्टर या आईटी विशेषज्ञों जैसे पेशेवरों की बात कर रहे हैं." सबसे पहले इसका जिक्र 2016 में रक्षा मंत्रालय के एक लेख में हुआ था.

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल के मंत्रिमंडल ने अभी कुछ ही दिन पहले विदेशों से कुशल कामगारों को जर्मनी की वर्कफोर्स में लेने के लिए एक मसौदा बनाया है. जर्मनी में प्रवासियों से जुड़े मुद्दों पर काफी बहस चलती आई है. सेना प्रमुख जोर्न का प्रस्ताव भी इसी के बाद आया है. उनका इंटरव्यू छापने वाले इसी अखबार ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि जर्मन सरकार ने बाकी के यूरोपीय संघ के देशों से इस बारे में बात करना भी शुरु कर दिया है. पूर्व यूरोपीय देशों, खासकर बुल्गारिया के पढ़े लिखे युवकों को सेना में काम के लिए जर्मनी लाए जाने की काफी संभावना है.

जर्मनी में पहले से ही यूरोपीय संघ के बाकी देशों के पांच लाख से अधिक ऐसे लोग रहते हैं, जिनकी उम्र 18 से 30 साल के बीच है. यही आयु वर्ग सेना में भर्ती होने वाले लोगों का भी होगा. सेनिकों के हालात के बारे में अपने बयान में सोशल डेमोक्रेट (एसपीडी) नेता हंस-पीटर बार्टल्स ने संसद को बताया है कि "यूरोपीय संघ के नागरिकों की भर्ती एक आम बात होगी. क्योंकि पहले से ही सेना में कई यूरोपीय संघ के नागरिक काम कर रहे हैं, जो या तो प्रवासी हैं या फिर दोहरी राष्ट्रीयता वाले."

जर्मनी का सैनिक अधिनियम के पैराग्राफ 37 के अनुसार, सेना में काम करने वाले जर्मन नागरिक होने चाहिए और उनको जर्मनी के लोकतांत्रिक संवैधानिक व्यवस्था के प्रति अपनी निष्ठा रखने के लिए शपथ लेनी होगी. यह नियम सन 1956 में दूसरे विश्व युद्ध के बाद से लागू है.

Ursula von der Leyen (CDU), Bundesverteidigungsministerin
जर्मन रक्षा मंत्री उर्सुला फॉन डेय लाएनतस्वीर: picture-alliance/dpa/B. Pedersen

जर्मन रक्षा मंत्री उर्सुला फॉन डेय लाएन ने बताया कि इस साल सैनिकों की गिनती एक लाख 82 हजार तक पहुंच गई है, जिनमें से 12 प्रतिशत महिलाओं का होना एक रिकॉर्ड हैं.

जर्मनी के बुंडेसवेयर को एक ऐसी 'सिटिजंस इन यूनिफॉर्म' ईकाई की तरह दिखाया जाता है, जो संसद के नेतृत्व में चलती है. नाटो या संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में विदेशों में जर्मन सैनिकों की तैनाती के मामले में भी ऐसा ही होता है.

सैनिकों के अलावा बुंडेसवेयर में 60 हजार से ज्यादा नागरिक कर्मचारी भी हैं. बुंडेसवेयर का दावा है कि वो अपने कर्मचारियों को हजार से भी ज्यादा वोकेशन और कैरियर्स में आगे बढ़ने के मौके देते हैं.

एनआर/आरपी (डीपीए, एएफपी)

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