गैंगरेप की पीड़िता का शव जबरदस्ती जलाने का आरोप
३० सितम्बर २०२०मीडिया में आई खबरों में बताया जा रहा है कि पहले तो पुलिस ने बिना पीड़िता के परिवार को बताए अस्पताल से उसका शव जब्त कर लिया और जब उसके पिता और भाई इसके विरोध में धरने पर बैठ गए तब पुलिस उन्हें भी ले गई. इसके बाद आधी रात को पुलिस पीड़िता के शव को लेकर दिल्ली से करीब 200 किलोमीटर दूर उसके गांव पहुंची और उसके परिवार को तुरंत उसका अंतिम संस्कार करने को कहा.
परिवार ने इससे इनकार कर दिया और पुलिस से कहा कि अंतिम संस्कार के लिए सुबह का इंतजार करना चाहिए, लेकिन पुलिस ने परिवार की बात नहीं मानी. मीडिया रिपोर्टों में बताया जा रहा है कि पुलिस ने परिवार को शव को घर भी ले जाने नहीं दिया और कुछ देर बाद विरोध कर रहे परिवारजनों और गांव वालों से दूर ले जा कर शव को जला दिया.
बताया जा रहा है कि पीड़िता के परिवारजनों, अन्य लोगों और मीडिया को शव दाह स्थल से दूर रखने के लिए पुलिसकर्मियों ने मानव श्रृंखला बना ली थी. एक वीडियो में पुलिसकर्मियों के पीछे आग नजर आ रही है लेकिन उसके बारे में रिपोर्टर द्वारा पूछे जाने पर मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि उसे नहीं मालूम कि क्या जल रहा है.
एक और वीडियो में एक पुलिस अधिकारी को परिवार से कहते हुए सुना जा सकता है कि "रीति रिवाज समय के साथ बदलते रहते हैं" और "कुछ गलतियां आप लोगों से भी हुई हैं, इस बात को आप लोगों को स्वीकार करना चाहिए." हाथरस के जिला मजिस्ट्रेट ने बस इतना ही कहा है कि प्रशासन पीड़ित के परिवार की "यथा संभव" मदद करेगा और "फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई कराकर दोषियों को जल्द सजा" दिलवाएगा.
इस पूरे प्रकरण से पीड़िता और उसके परिवार पर जो बीती उस पर विपक्षी पार्टियों और लोगों में आक्रोश दिख रहा है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मांग की है कि उत्तर प्रदेश पुलिस और प्रशासन द्वारा पीड़िता के मरने के बाद भी उसके मानवाधिकारों के हनन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस्तीफा दे देना चाहिए.
घटना 14 सितंबर की है. हाथरस के चंदपा थाना क्षेत्र के एक गांव में 19 साल की दलित युवती अपने परिवार के साथ खेत पर घास काट रही थी, तभी ऊंची जाति के चार लोगों ने उसे उसके दुपट्टे से खींच कर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया और उसके साथ मार पीट भी की. कुछ मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि आरोपियों ने युवती की रीढ़ की हड्डी तोड़ डाली और उसकी जीभ काट दी ताकि वह बयान ना दे सके.
अस्पताल में भर्ती होने के एक हफ्ते बाद, लड़की ने पुलिस को बताया था कि उसके साथ चार लोगों ने दुष्कर्म किया था. पीड़िता द्वारा उन चारों आरोपियों का नाम लेने पर पुलिस ने उन्हें दुष्कर्म, हत्या के प्रयास और एससी/एसटी अधिनियम की धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया था.
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