फुटबॉल विश्व कप के रंग में रंगा कोलकाता
२० जून २०१८पूरा महानगर फुटबाल विश्व कप के दौरान ब्राजील और अर्जेंटीना के रंग में रंग जाता है. पहले मैच में दोनों टीमों के ड्रॉ खेलने के बावजूद समर्थकों को उम्मीद है कि यह टीमें जोरदार तरीके से वापसी करेंगी. आम लोगों के साथ ही विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं पर भी विश्व कप का बुखार चढ़ा हुआ है.
फुटबालमय हुआ महानगर
हर विश्व कप के दौरान कोलकाता फुटबाल, ब्राजील और अर्जेंटीना के रंगों में रंग जाता है. इस दौरान विभिन्न इलाकों में घूमते हुए ब्राजील या अर्जेंटीना में होने का अहसास होता है. अबकी भी अपवाद नहीं है. कई इलाकों में तो लोगों ने अपने मकानों तक को इन दोनों देशों के रंगों में रंगवा लिया है. मेसी और नेमार दोनों ही गली-गली में नजर आ रहे हैं. कहीं बैनरों के तौर पर आसमान में उड़ते हुए तो कहीं कटआउट या पोस्टरों के तौर पर. महानगर से कुछ दूर उत्तर 24-परगना जिले के इच्छापुर में तो मेसी के एक फैन और चाय दुकान मालिक ने अपने दो मंजिले मकान को ही अर्जेंटीना की जर्सी के रंग में रंगवा लिया है. शिव शंकर पात्रा नामक वह फैन अर्जेटीना के मैच वाले दिन लोगों को मुफ्त चाय पिलाता है. महानगर के पन्नालाल चटर्जी दंपति अपना 10वां विश्व कप देखने के लिए बीते सप्ताह मास्को पहुंच गए हैं. वर्ष 1982 में स्पेन में आयोजित विश्व कप के बाद से उन्होंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा है. बढ़ती उम्र और वित्तीय तंगी के बावजूद यह दंपति हर विश्व कप देखने जाता रहा है.
महानगर में मिठाई की मशहूर दुकान बलराम मल्लिक एंड राधारमण मल्लिक ने तो अबकी एक अनूठा प्रयोग करते हुए ट्रॉफी संदेश बना दिया है. फुटबाल मैदान की शक्ल की इस मिठाई में दिग्गज खिलाड़ी मेसी व नेमार किकऑफ के लिए तैयार खड़े नजर आ रहे हैं. दुकान के मालिक सुदीप मल्लिक कहते हैं, "विश्व कप हमारे लिए एक बड़ा मौका है. इसलिए हमने मेसी और रोनाल्डो के मॉडल के साथ फुटबाल के मैदान की शक्ल का संदेश बना दिया है. हम दूसरे मशहूर खिलाड़ियों की शक्ल की मिठाई भी बना रहे हैं." मल्लिक बताते हैं कि इस संदेश को बनाने में दूध व पनीर समेत लगभग नौ किलो सामग्री का इस्तेमाल किया गया है. इसकी कीमत पांच हजार रुपये हैं. वह कहते हैं, "फुटबाल, मिठाई व बंगाल के बीच अनूठा रिश्ता है. फुटबाल व मिठाई बंगाल की संस्कृति का हिस्सा है. यही वजह है कि हम इस मौके पर फुटबाल और फुटबॉलरों के शक्ल की मिठाइयां बनाते रहे हैं." महानगर की कुछ और दुकानों ने भी विभिन्न टीमों की जर्सी के रंग की मिठाइयां तैयार की है. 30 से 40 रुपए कीमत वाली इन मिठाइयों की इन दिनों भारी मांग है.
ग्राहकों का कहना है कि भारत विश्व कप जीत भले नहीं सके, हम इसे चख तो सकते हैं. एक फुटबाल फैन जयंत गोस्वामी कहते हैं, "विश्व कप की ट्रॉफी हाथों में उठाना एक सपना है. ऐसे में हम मिठाई से बनी इस ट्राफी को हाथों में लेकर ही अपना सपना कुछ हद तक पूरा कर सकते हैं."
विश्व कप के दौरान महानगर के होटलों ने भी ग्राहकों के लिए नए आकर्षक मेन्यू तैयार किए हैं. होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन आफ ईस्टर्न इंडिया के अध्यक्ष सुरेश पोद्दार बताते हैं, "तमाम होटलों व रेस्तरां में फुटबाल पर आधारित मेन्यू तैयार किए गए हैं. कुछ होटलों में ब्राजील और अर्जेंटीना के मैचों के दिन अल्कोहल पर भी भारी छूट दी जा रही है. इसके अलावा ज्यादातर रेस्तरां में विशालकाय स्क्रीन पर मैच दिखाने का इंतजाम किया गया है ताकि ग्राहक कोई मैच मिस नहीं करें."
राजनेताओं पर भी चढ़ा बुखार
महानगर के विभिन्न क्लबों ने अपनी-अपनी टीमों यानी ब्राजील व अर्जेंटीना की जीत के लिए यज्ञ भी आयोजित किए हैं. ऐसे ही एक क्लब टाला पार्क के सचिव अनिल बसु कहते हैं, "हम महीने भर तक फुटबाल ही खाएंगे, पिएंगे, पहनेंगे और सोएंगे." आम लोगों पर ही नहीं राजनेताओं पर भी फुटबाल विश्व कप का बुखार सिर चढ़ कर बोलने लगा है. तमाम दलों के नेताओँ ने अपने व्यस्त कार्यक्रम में से मैच देखने के लिए समय निकाल लिया है. राज्य के खेल मंत्री अरूप विश्वास कहते हैं, "मैं विश्व कप का कोई मैच मिस नहीं करना चाहता." शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ब्राजील के फैन हैं. वह कहते हैं, "ब्राजील, अर्जेंटीना और जर्मनी का कोई मैच नहीं छोड़ेंगे."
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने भी तमाम मैच देखने का मन बनाया है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने अहम मैचों के दिन अपने कार्यक्रम में बदलाव कर दिया है. कांग्रेस के प्रदीप भट्टाचार्य और सीपीएम के नेता सुजन चक्रवर्ती समेत तमाम नेता इन मैचों को देख रहे हैं. राजनीतिक मतभेद के बावजूद फुटबाल ने इन लोगों को एकसूत्र में बांध दिया है. अब टूर्नामेंट के आगे बढ़ने के साथ ही महानगर पर चढ़ी फुटबाल की इस खुमारी के भी तेज होने की संभावना है.