बोत्सवाना में 356 हाथियों की रहस्यमय तरीके से मौत
२ जुलाई २०२०ये हाथी बोत्सवाना के मशहूर ओकावांगो डेल्टा में मारे गए हैं. इस अफ्रीकी देश में हाथियों की सबसे बड़ी आबादी है. वहां अनुमानित एक लाख 30 हजार हाथी रहते हैं. वन्य जीव और नेशनल पार्क विभाग के कार्यकारी निदेशक सिरील ताओलो कहते हैं, "हमें ओकावांगो डेल्टा के उत्तरी इलाके में 356 हाथियों के मारे जाने की रिपोर्ट मिली है. इनमें से अभी हम 275 हाथियों के मारे जाने की पुष्टि कर सकते हैं."
उन्होंने बताया कि हाथियों की मौत का कारण अभी तक पता नहीं चला है. वह शिकार की संभावना से इनकार करते हैं. उन्होंने कहा, "हमें उनके शिकार होने का संदेह नहीं है क्योंकि उनके हाथीदांत निकाले नहीं गए हैं." मारे गए हाथियों के नमूने लेकर उन्हें टेस्ट के लिए दक्षिण अफ्रीका, जिम्बाब्वे और कनाडा भेजा गया है. मई के महीने में भी 12 हाथियों के मारे जाने का पता चला था. तब देश के पूर्वोत्तर इलाके के एक गांव के पास हाथियों के शव मिले थे.
हाथियों की मौत के ताजा मामलों की जानकारी सबसे पहले वन्यजीव संरक्षण के लिए काम करने वाली संस्था एलिफेंट विदआउट बॉर्डर्स (ईडब्ल्यूबी) ने दी थी. बुधवार को मीडिया में लीक हुई संस्था की रिपोर्ट में 356 हाथियों की मौत का जिक्र किया गया है. ईडब्ल्यूबी का कहना है कि उस इलाके में हाथी तीन महीने से मर रहे हैं.
हाथियों का घर बोत्सवाना
19 जून 2010 की रिपोर्ट के मुताबिक, "हाथियों के 70 फीसदी शव हालिया दिनों के हैं. मतलब उनकी मौत लगभग एक महीने पहले हुई है जबकि 30 फीसदी शव बिल्कुल ताजा हैं. यानी वे एक दो हफ्ते पहले मारे गए हैं."
ईडब्ल्यूबी के निदेशक माइक चेस ने रिपोर्ट में लिखा है, "इस बात के साफ प्रमाण मौजूद हैं कि हर उम्र और लिंग के हाथी मारे जा रहे हैं." रिपोर्ट के मुताबिक जो हाथी जीवित हैं, उनमें से कइयों की हालत बहुत कमजोर है. कई तो ठीक से चल भी नहीं पा रहे हैं.
अफ्रीका में रहने वाले हाथियों की संख्या घट रही है, लेकिन हाल के दशकों में बोत्सवाना में उनकी संख्या बढ़ी है. 1990 के दशक में बोत्सवाना में 80 हजार हाथी थे जिनकी संख्या अब बढ़कर 1.3 लाख हो गई है. इसकी वजह वहां हाथियों के संरक्षण की बेहतर कोशिशों को माना जाता है. पूरे अफ्रीकी महाद्वीप में पाए जाने वाले कुल हाथियों में से एक तिहाई का घर बोत्सवाना ही है.
दूसरी तरफ, हाथियों की बढ़ती संख्या किसानों के लिए समस्याएं भी पैदा कर रही हैं जिनकी फसलों को अकसर हाथियों के कारण नुकसान होता है. लेकिन बोत्सवाना के राष्ट्रपति ने जब 2018 में पांच साल से शिकार पर लगे प्रतिबंध को हटाया तो उनकी खूब आलोचना हुई.
एके/सीके (एएफपी, डीपीए, रॉयटर्स)
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