भारत का कौन सा शहर है सबसे ज्यादा रहने लायक
भारत सरकार ने "रहने की आसानी सूचकांक" की ताजा रैंकिंग जारी की हैं. कुल 111 शहरों को कई मानकों पर परखा गया था, यह जानने के लिए कि कहां कितनी सुविधाएं हैं और जीवन का स्तर कहां कैसा है. जानिए किस पायदान पर है आपका शहर.
सबसे ज्यादा रहने लायक शहर
111 शहरों में से बेंगलुरु को सबसे ज्यादा रहने लायक शहर पाया गया है. श्रीनगर सूचकांक में सबसे नीचे है.
दो श्रेणियां
इस बार सूचकांक में सभी शहरों को दो श्रेणियों में बांटा गया था - 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों की श्रेणी में 49 और 10 लाख से कम आबादी वाली श्रेणी में 62 शहरों का आकलन किया गया था.
दिल्ली काफी नीचे
पहली श्रेणी में बेंगलुरु के बाद पुणे, फिर अहमदाबाद, चेन्नई, सूरत, नवी मुंबई, कोयम्बटूर, वडोदरा, इंदौर और ग्रेटर मुंबई का स्थान है. दिल्ली 13वें स्थान पर है.
कम आबादी वाले शहर
दूसरी श्रेणी वाले शहरों में शिमला को सबसे अच्छा पाया गया है. उसके बाद के स्थानों पर हैं भुवनेश्वर, सिलवासा, काकीनाड़ा, सेलम, वेल्लोर, गांधीनगर और फिर गुड़गांव. बिहार के मुजफ्फरपुर को इस श्रेणी में सबसे नीचे रखा गया है.
चार मानक
यह सूचकांक चार मानकों के आधार पर बनाया गया है - जीवन की गुणवत्ता, आर्थिक क्षमता, सस्टेनेबिलिटी और नागरिकों का मत. जीवन की गुणवत्ता का मूल्यांकन जिन आयामों पर किया गया है उनमें शामिल हैं सस्ते मकान, पीने के लिए साफ पानी, मूलभूत शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं, सुरक्षा और मनोरंजन के साधन.
दक्षिण के शहर आगे
जीवन की गुणवत्ता के आधार पर 10 लाख से ज्यादा आबादी वाली श्रेणी में चेन्नई पहले स्थान पर है, उसके बाद है कोयम्बटूर और फिर नवी मुंबई. आर्थिक क्षमता के आधार पर बेंगलुरु सबसे ऊपर है, और उसके बाद हैं दिल्ली और पुणे.
दक्षिण के छोटे शहर भी अच्छे
10 लाख से काम आबादी वाली श्रेणी में जीवन की गुणवत्ता का स्तर सबसे ऊंचा पणजी में पाया गया. उसके बाद स्थान है टुमकुर का और फिर वेल्लोर का. आर्थिक क्षमता के आधार पर तिरुपुर, गुरुग्राम और कोच्चि सबसे आगे रहे.
औसत अंक कम
शून्य से 100 तक की अंक-तालिका में इन भारतीय शहरों को 53.5 औसत अंक मिले हैं. आर्थिक क्षमता के आधार पर तो औसत अंक सिर्फ 13.2 हैं. इसका मतलब है अभी शहरों को इन मानकों पर और आगे ले जाने की जरूरत है.
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