भारत पाक मैच के बहाने आया हेडली
३ नवम्बर २०१०17 अप्रैल 2005 को दिल्ली के फिरोजशाह कोटला पर ऐतिहासिक मैच का लुत्फ लेने के लिए पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी मौजूद थे. वीआईपी गैलरी में हुक्मरान थे और आम दर्शकों की भीड़ में डेविड हेडली. मैच देखने के बाद सब अपने घर गए लेकिन हेडली ने मुंबई की राह पकड़ी जिससे कि हमलों के लिए ठिकानों की पहचान की जा सके. भारत यह मैच 159 रनों से हार गया.
इस दौरान हेडली के अलावा दो और लोग भी भारत आए थे. ये लोग थे लश्कर से जुड़े साजिद माजिद और अब्दुल रहमान हाशिम उर्फ पाशा. हालांकि हेडली का कहना है कि साजिद माजिद की भारत में मौजूदगी का तब उसे पता नहीं था. हेडली को निर्देश साजिद माजिद की तरफ से ही मिलते थे. उसने पाशा के बारे में जरूर कहा है कि भारत में उसकी सभी यात्राओं का ब्यौरा उसके पास था.
राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी एनएसए के अधिकारियों की हेडली से अमेरिका में हुई पूछताछ में यह बात सामने आई. राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के अधिकारियों ने शिकागो में हफ्ते भर रह कर हेडली से करीब 34 घंटे तक पूछताछ के बाद अपनी रिपोर्ट बनाई है. हेडली ने 26 नवंबर पर मुंबई पर हमले से पहले वहां का दौरा किया और ठिकानों की पहचान की और उनका नक्शा बनाया. हेडली के मुताबिक पाशा और साजिद माजिद वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत में घुसे.
हेडली ने कहा है, "साजिद माजिद और पाशा कई दिनों तक दिल्ली में रहे और नेशनल डिफेंस कॉलेज भी गए. शायद वे लोग देहरादून के नेशनल डिफेंस ऐकेडमी भी गए थे. अब्दुल रहमान ने बताया कि लौटते समय वाघा गेट पर साजिद काफी नर्वस था."
एनएसए की मांग पर साजिद माजिद और अब्दुल रहमान के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है. 34 साल का साजिद लश्कर ए तैयबा के साथ 16 साल से जुड़ा है. हेडली के मुताबिक वह लाहौर के एयरपोर्ट के पास कहीं रहता है. हेडली ने यह भी बताया कि साजिद को एक बार दुबई में गिरफ्तार कर लिया गया था लेकिन वह लश्कर से अपने रिश्तों के दम पर छूटने में कामयाब रहा. साजिद ने अपने चेहरे की प्लास्टिक सर्जरी करा ली है और वह कंप्यूटर का अच्छा जानकार है.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः वी कुमार