कोरोना: भारत में हालात चिंताजनक
१२ अप्रैल २०२१पिछले 24 घंटों में देश में करीब 1,69,000 नए मामले सामने आए और 904 लोगों की मौत हो गई. यह पिछले साल हुई महामारी की शुरुआत से पहली बार है जब एक दिन में इतने मामले सामने आ रहे हैं. महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत कई राज्यों का बुरा हाल है. कुछ दिनों पहले तक सिर्फ नए मामले बढ़ रहे थे जबकि अस्पताल में भर्ती होने की दर और मृत्यु दर कम ही थी.
लेकिन अब धीरे धीरे इन दोनों दरों में बढ़ोतरी हो रही है और अस्पतालों पर दबाव बढ़ रहा है. महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों में 63,000 से भी ज्यादा नए मामले सामने आए और 349 लोगों की मृत्यु हो गई. राज्य में सप्ताहांत पर तालाबंदी लागू है. राज्य सरकार संपूर्ण तालाबंदी लगाने पर भी विचार कर रही है, लेकिन इस पर अभी फैसला नहीं लिया गया है.
दिल्ली में एक दिन में नए मामलों का ताजा आंकड़ा 10,000 पार कर गया है. राष्ट्रीय राजधानी में रात का कर्फ्यू लागू है और कई तरह की बैठकों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. शादियों में सिर्फ 50 और अंत्येष्टि पर अधिकतम 20 लोगों की उपस्थिति की सीमा तय कर दी गई है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि अभी तो तालाबंदी की आवश्यकता नहीं है लेकिन अगर अस्पतालों में दबाव ज्यादा बढ़ गया तो तालाबंदी भी लगानी पड़ सकती है.
आर्थिक रूप से कमजोर परिवार महामारी के साथ तालाबंदी के असर के भी डर में जी रहे हैं. पिछले साल की तालाबंदी ने करोड़ों लोगों की आजीविका छीन ली थी और बड़ी संख्या में परिवारों को आर्थिक धक्का पहुंचाया था. अगर तालाबंदी दोबारा लागू होती है तो इन परिवारों का बुरा हाल हो जाएगा. इस बीच देश में वैक्सीन और दवा दोनों की कमी की खबरें भी आ रही हैं.
कई राज्य सरकारों ने वैक्सीन की कमी के बारे में बताया है, लेकिन केंद्र सरकार का कहना है कि वैक्सीन का पर्याप्त स्टॉक देश में उपलब्ध है. हालांकि कोरोना के इलाज में कारगर साबित हुई दवा रेमदेसिविर की कमी की बात केंद्र सरकार ने भी स्वीकार की है. हालात को देखते हुए इस दवा के निर्यात पर रोक लगा दी गई है. महामारी की इतनी चिंताजनक स्थिति के बावजूद हरिद्वार में कुंभ मेला और पश्चिम बंगाल में चुनाव के चलते रहने पर स्वास्थ्य विशेषज्ञ चिंता जता रहे हैं.
हरिद्वार में लाखों लोग मेले में हिस्सा ले रहे हैं और मास्क पहनने, सामाजिक दूरी बनाए रखने जैसे किसी नियम का पालन नहीं हो रहा है. पश्चिम बंगाल में भी चुनावी रैलियों में भारी भीड़ देखी जा रही है और देश के शीर्षस्थ पदों पर बैठे हुए नेता भी मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाए रखने जैसे दिशा निर्देशों का ना खुद पालन कर रहे हैं और ना दूसरों से ऐसा करने की अपील कर रहे हैं.