मथुरा: प्रेमिका से मिलने गए युवक को गांव वालों ने मार डाला
२३ सितम्बर २०२०मामला मथुरा जिले के वृन्दावन थाना क्षेत्र के एक गांव का है जहां युवक सोमवार रात अपनी नाबालिग प्रेमिका से मिलने चोरी-छिपे अपने दोस्त के साथ पहुंचा था. युवक और उसके दोस्त का घर भी पड़ोस के ही गांव में था. उनके आने की सूचना मिलने पर युवक और उसके दोस्त को वहां के ग्रामीणों ने घेर लिया और युवक को पीट-पीटकर कर मार डाला. युवक का दोस्त गंभीर रूप से घायल है और अस्पताल में भर्ती है.
मृतक के पिता भगवान सिंह की ओर से सात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है जिनमें से चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. घटना के बाद गांव में तनाव पैदा हो गया है और बड़ी संख्या में पुलिस बल को वहां तैनात किया गया है.
मथुरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉक्टर गौरव ग्रोवर ने बताया, "मामले की पूरी तफ्तीश हो रही है. जो भी दोषी होंगे बख्शे नहीं जाएंगे. चार अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है. दूसरे अभियुक्त भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिए जाएंगे. मैंने खुद मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और दोनों गांवों के लोगों के बीच पनपे तनाव को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.”
घटना के बारे में एसएसपी गौरव ग्रोवर ने बताया कि यह मामला वृन्दावन क्षेत्र के भरतिया और परखम गांव के बीच का है. एसएसपी के मुताबिक, "परखम गांव निवासी साहब सिंह अपने साथी लक्ष्मण सिंह के साथ सोमवार की रात तकरीबन 10 बजे पड़ोसी गांव भरतिया में 15 वर्षीया अपनी प्रेमिका से मिलने पहुंचा था. साहब सिंह प्रेमिका के घर में कूद गया और उसका साथी घर के बाहर खड़ा रहा. घर में किसी व्यक्ति के प्रवेश की जानकारी होने पर प्रेमिका के परिजन आग-बबूला हो उठे और उसकी बुरी तरह पिटाई कर दी. जब उन्हें यह पता चला कि उसका दोस्त बाहर छिपकर इंतजार कर रहा है तो उसको भी पकड़ लिया और पिटाई की. इसके बाद परिजनों ने पुलिस को सूचना दी.”
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बढ़े ऑनर किलिंग के मामले
स्थानीय लोग घटना के पीछे ऑनर किलिंग को ही देख रहे हैं. गांव वालों के मुताबिक, युवक और युवती एक दूसरे को काफी समय से जानते थे और दोनों में मेल-जोल भी था लेकिन युवती के परिजन इसे पसंद नहीं करते थे. युवकों को मारने के पीछे इसे ही सबसे बड़ी वजह बताया जा रहा है.
यूपी में ऑनर किलिंग की घटनाएं पिछले कुछ समय से काफी तेजी से बढ़ी हैं. हालांकि पहले इस तरह की घटनाएं हरियाणा और उससे लगे यूपी के इलाकों में ही सुनने को मिलती थीं लेकिन पिछले कुछ समय से उत्तर प्रदेश के दूसरे इलाकों में भी ऑनर किलिंग के कई मामले सामने आए हैं.
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो की हालिया रिपोर्ट बताती हैं कि देश भर में पिछले साल ऑनर किलिंग के कुल 356 केस दर्ज हुए. इसके अलावा इन्हीं से संबंधित 65 गैर इरादतन हत्या के मामले भी हैं. इस तरह के सबसे ज्यादा केस दर्ज करने वाले राज्यों में हरियाणा और उत्तर प्रदेश सबसे आगे हैं.
वहीं, ऑनर बेस्ड वॉयलेंस अवेयरनेस नेटवर्क नामक एक गैर सरकारी संगठन का कहना है कि पूरी दुनिया में हर साल ऑनर किलिंग के करीब पांच हजार मामले सामने आते हैं जिनमें सबसे ज्यादा मामले भारत और पाकिस्तान से होते हैं. संस्था के मुताबिक, दोनों ही देशों में ऑनर किलिंग से संबंधित औसतन 1000 मामले हर साल दर्ज होते हैं. इनकी तुलना में ब्रिटेन में यह संख्या सिर्फ 12 है.
ऑनर किलिंग जैसी सामाजिक बुराइयों को हतोत्साहित करने के लिए तमाम कानून तो हैं ही, सरकारें और गैरसरकारी संगठन भी इस दिशा में लगातार काम करते रहते हैं, बावजूद इसके यह बुराई कम होने का नाम नहीं ले रही है.
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कहां है समस्या
सामाजिक विषयों पर लिखने वाले शोधकर्ता सर्वेश कुमार कहते हैं, "इसके पीछे अशिक्षा तो है ही, सामाजिक मामलों में सोचने का दोहरा चरित्र भी दोषी है. एक ओर बात होगी कि लड़की और लड़का बराबर हैं, उन्हें बराबर शिक्षा दी जाए, उनके साथ बराबरी का बर्ताव किया जाए लेकिन वहीं लोग लड़की और लड़के का एक साथ बात करना पसंद नहीं करेंगे. हमेशा उनके रिश्तों को आशंका की दृष्टि से देखेंगे. सबसे बड़ी बात तो यह कि जब सुप्रीम कोर्ट तक अंतरजातीय और अंतरधार्मिक विवाहों की इतनी पैरवी कर चुका है और फैसले दे चुका है तो लोगों को इसमें दिक्कत क्या है.”
परिवार के किसी सदस्य विशेष रूप से महिला सदस्य की उसके सगे-संबंधियों द्वारा होने वाली हत्या को ही ऑनर किलिंग कहा जाता है. ये हत्याएँ आमतौर पर कथित तौर पर परिवार और समाज की प्रतिष्ठा के नाम पर की जाती हैं. लेकिन सवाल यह उठता है कि जब आप अपने ही घर की किसी महिला सदस्य की हत्या कर दे रहे हैं तो इसमें कौन सा सम्मान सुरक्षित रहता है?
ऑनर किलिंग की वजहों के संदर्भ में समाजशास्थियों का कहना है कि देश में बढ़ती जातिगत सोच और समाज में ऊंची और नीची जाति जैसी सोच इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है. ऑनर किलिंग के ज्यादातर मामले कथित तौर पर ऊंची और नीची जाति के लोगों के प्रेम संबंधों के मामले में ही देखने को मिले हैं. इसके अलावा अंतर-धार्मिक संबंध भी ऑनर किलिंग का एक बड़ा कारण हैं.
सर्वेश कुमार कहते हैं, "अंतर धार्मिक मामले तो और खतरनाक रूप ले रहे हैं क्योंकि इन्हें सांप्रदायिक रूप देने की कोशिश होती है जिससे सांप्रदायिक संघर्ष का खतरा बढ़ जाता है. लव जेहाद जैसी अवधारणाएं यहीं से आई हैं और तमाम लोग इसका राजनीतिक लाभ लेने की फिराक में रहते हैं.” इसके अलावा पंचायत समिति जैसे औपचारिक संस्थानों की अनुपस्थिति में कई बार निर्णय लेने की ताकत खाप पंचायतों जैसी गैर कानूनी संस्थाओं के हाथ में चली जाती है.
सर्वेश कुमार बताते हैं कि लोगों को अपने अधिकारों और संवैधानिक तौर-तरीकों की भी बहुत कम जानकारी है जिसकी वजह से ऐसी घटनाएँ सामने आती हैं. वह कहते हैं, "भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 15 (1), 19, 21 और 39 (एफ) ऑनर किलिंग जैसी प्रथाओं को कमजोर करने के लिए ही बने हैं. इसके अलावा भी स्वतंत्रता और समानता के कई मौलिक अधिकार व्यक्ति को मिले हुए हैं. लेकिन इन सबकी जानकारी न होने से भी ऐसी घटनाओं को बढ़ावा मिलता है. जिन मामलों में लड़के-लड़कियों को अपने इन अधिकारों की जानकारी है, वे इनके खिलाफ कानूनी लड़ाई भी लड़ते हैं.”
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