राजनीति में महिलाओं को प्रोत्साहित करने की पहल
५ फ़रवरी २०२१इस कानून का मसौदा गुरुवार को सार्वजनिक किया गया. इसका उद्देश्य नई माताओं को संरक्षण देना और राजनीति में महिलाओं को प्रोत्साहित करना है. इस तरह का कानून देश में पहली महिला सांसद के चुने जाने के 100 सालों बाद लाया जा रहा है. महिला अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस पहल का लंबे समय से इंतजार था. उनका यह भी कहना है कि इस प्रावधान को नवजात बच्चों वाले सभी सांसदों के लिए लागू किया जाना चाहिए.
प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने एक बयान में कहा, "महिला बच्चे को जन्म देने के बाद आराम करने के लिए और बच्चे की देखभाल करने के लिए छुट्टी ले या अपनी नौकरी से इस्तीफा दे, यह विकल्प आधुनिक समय में स्वीकार्य नहीं है." मौजूदा नियमों के मुताबिक, सांसद बच्चे के पैदा होने के बाद कुछ समय सवेतन काम से दूर रह सकते हैं, लेकिन आधिकारिक रूप से सवेतन छुट्टी का प्रावधान नहीं है.
जॉनसन ने बताया कि वेतन संबंधी नियम कड़े हैं जिनकी वजह से अस्थायी रूप से कैबिनेट के पदों पर किसी को नियुक्त करने की कम ही संभावना होती है, जिसका मतलब है कि अगर किसी मंत्री को मातृत्व अवकाश लेना हो तो उन्हें सरकार से इस्तीफा देना पड़ेगा. कानून में बदलाव का फायदा सबसे पहले अटॉर्नी जनरल सुएला ब्रावरमन को मिलेगा. उन्होंने बताया है कि इस साल की "शुरुआत" में ही उन्हें अपने बच्चे को जन्म देने की उम्मीद है.
अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि राजनीति में शीर्ष के स्तरों पर महिलाओं को लाने में मातृत्व अवकाश के प्रावधान की प्रमुख भूमिका है. ब्रिटेन की संसद के निचले सदन में करीब एक-तिहाई सदस्य महिलाएं हैं, हालांकि कुछ लोगों ने कैबिनेट में वरिष्ठ टीमों में पुरुषों को वर्चस्व में रखने के लिए जॉनसन की आलोचना भी की है. मौजूदा कैबिनेट में 26 में से सिर्फ छह सदस्य महिलाएं हैं.
2019 में ब्रिटेन में पहली बार विपक्ष की सांसद स्टेला क्रीजी के मातृत्व अवकाश लेने पर उनकी जगह भरने के लिए एक अस्थायी नियुक्ति की गई थी, लेकिन नियमों के मुताबिक जिसे नियुक्त किया गया वो सिर्फ सांसद के निर्वाचन क्षेत्र में काम कर सकती थीं और संसद में ना बोल सकती थीं, ना मतदान कर सकती थीं. मातृत्व अधिकार अभियान समूह प्रेग्नेंट देन स्क्रूड की जोली ब्रेयरली ने कहा, "यह पूरा पागलपन है कि सरकार को यह मानने में 103 साल लग गए कि कैबिनेट की महिला सदस्यों को बच्चे होंगे और इस स्थिति का सामना करने के लिए प्रावधान बनाए जाने की जरूरत है."
उन्होंने कहा, "हम इस परिवर्तन का बहुत स्वागत करते हैं, लेकिन यह निराशाजनक है कि अभी भी सांसदों के लिए कोई भी मातृत्व या पितृत्व अवकाश की नीति नहीं लाई गई है. अगर सरकार एक 50:50 संसद बनाने के बारे में गंभीर है तो इसके लिए माता-पिता के लिए छुट्टी के प्रावधान बेहद जरूरी हैं."
सीके/एए (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन)
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