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समाज

विश्व में आधी से कम महिलाओं के पास नौकरियां

२१ अक्टूबर २०२०

'वर्ल्ड वुमन 2020 रिपोर्ट' में महिलाओं के अधिकारों और नौकरी के बाजार में भागीदारी में प्रगति में भारी कमी पाई गई है. महामारी और लॉकडाउन ने महिलाओं के लिए हालात बदतर किए हैं.

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तस्वीर: Getty Images/AFP/A. Berry

मंगलवार, 20 अक्टूबर को जारी इस रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र ने महिला अधिकारों की सुस्त प्रगति पर दुख जताया है. साथ ही यूएन ने कोरोना वायरस महामारी और आर्थिक मंदी की वजह से महिला अधिकारों को हासिल करने की रफ्तार धीमी पड़ने की चेतावनी दी है. 'वर्ल्ड वुमन 2020 रिपोर्ट' में पाया गया कि दुनिया ने महिलाओं के अधिकारों और आर्थिक सशक्तीकरण के मामले में मामूली उपलब्धि हासिल की है और रोजगार और घरेलू हिंसा के खिलाफ जो उपाय 25 साल पहले रिपोर्ट में सुझाए गए थे उसके बाद से स्थिति में सुधार नहीं हुआ है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटोनियो गुटेरेश ने एक बयान में कहा, "25 साल पहले बीजिंग घोषणापत्र और प्लेटफॉर्म फॉर एक्शन के पारित होने के बाद से महिलाओं के लिए समान शक्तियों और समान अधिकारों की दिशा में प्रगति लक्ष्य से दूर ही रही है." आगे उन्होंने कहा, "कोई भी देश लैंगिक समानता हासिल नहीं कर पाया है और जो भी लाभ इस दिशा में हासिल हुए उसको कोविड-19 संकट खत्म कर सकता है."

खामियाजा भुगतती महिलाएं

रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि जहां पुरुषों को कोविड-19 संबंधित समस्याओं से मरने का अधिक खतरा है, वहीं महिलाओं में संक्रमण होने की संभावना अधिक है-यही नहीं संक्रमण के खिलाफ बतौर फ्रंटलाइन वर्कर्स के रूप में 70% महिला काम कर रही हैं. यूएन सामाजिक और लिंग सांख्यिकीविद् फ्रांसेस्का ग्रम के मुताबिक, "वे संक्रमित होने के अधिक जोखिम में हैं और निश्चित रूप से सभी की ओर से महामारी से लड़ने के लिए फ्रंटलाइन पर खड़ी हैं." रिपोर्ट कहती है लॉकडाउन में घरेलू हिंसा के मामले में वृद्धि की संभावना है. डाटा पहले ही दिखा चुके हैं कि पिछले 12 महीनों में 18 फीसदी महिलाओं ने अपने पार्टनर से शारीरिक और यौन हिंसा का अनुभव किया.

रिपोर्ट साथ ही कहती है कि कोरोना महामारी के दौरान संभावना है कि महिलाएं अन्य तरह की हिंसा का सामना कर रही हों और इसका डाटा इकट्ठा किया जा रहा है. 15 साल का सर्वेक्षण डाटा रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंसा से बचने वाली बड़ी संख्या में महिलाएं कभी भी पुलिस, हेल्पलाइन या अन्य सेवा विभाग तक इसकी सूचना नहीं देती हैं.

रिपोर्ट में विस्तार से बताया गया कि प्राथमिक और उच्च विद्यालय में जाने वाली लड़कियों और लड़कों की समान संख्या है और वैश्विक औसत के रूप में पुरुषों की तुलना में विश्वविद्यालय जाने वाली अधिक युवा महिलाएं हैं लेकिन आधे से कम महिलाओं को रोजगार मिल पा रहा है. रोजगार बाजार में महिलाओं और पुरुषों की भागीदारी 1995 के समान है. साल 1995 में महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर बीजिंग में हुए चौथे विश्व सम्मेलन के दौरान सदस्य देशों ने जिन लक्ष्यों को हासिल करने का संकल्प लिया था, दुनिया अब भी उनसे दूर है.

यही नहीं शक्ति और निर्णय-निर्धारण के क्षेत्र में यह रिपोर्ट बताती है कि साल 2019 में दुनिया भर में प्रबंधकों की कुल संख्या का मात्र 28 फीसदी महिलाएं थीं, यह लगभग 1995 में आंकड़े के समान है.

एए/सीके (रॉयटर्स, डीपीए)

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