ईयू के नए पर्यावरण लक्ष्य देंगे आर्थिक विकास को बढ़ावा
१७ सितम्बर २०२०यूरोपीय आयोग का कहना है कि पर्यावरण सुरक्षा के लिए होने वाले अरबों के निवेश और कार्बन डाय ऑक्साइड के कारोबार से होने वाली आमदनी का इस्तेमाल अनुदानों में कटौती के लिए किया जाए तो 2030 तक आर्थिक विकास में 0.5 प्रतिशत की अतिरिक्त बढ़ोत्तरी हो सकती है. यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सुला फॉन डेय लाएन ने 2030 तक ईयू के पर्यावरण लक्ष्यों को बढ़ाने की घोषणा की है. अगले दस सालों में यूरोपीय संघ में पैदा होने वाली ग्रीन हाउस गैसों को 1990 के स्तर से 55 फीसदी कम किया जाएगा. अब तक उसे 40 प्रतिशत कम करने का लक्ष्य था.
लेकिन कोरोना संकट के कारण पैदा हुई स्थिति में आर्थिक ढांचे को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के प्रयास हो रहे हैं और इसके लिए हर साल अतिरिक्त 350 अरब यूरो का निवेश किया जाएगा. यूरोपीय संघ का इरादा खासकर अक्षय ऊर्जा के उत्पादन और ऊर्जा के किफायती इस्तेमाल को बढ़ाना है. इसके लिए 2030 तक ऊर्जा के इस्तेमाल में अक्षय ऊर्जा के हिस्से को अब तक की योजना के बदले बढ़ाकर 38 से 40 प्रतिशत किया जाएगा. इसी तरह ऊर्जा के इस्तेमाल को भी 39 प्रतिशत तक कम करने की योजना है. खासकर बेहतर आइसोलेशन के जरिए घरों को गर्म और ढंडा करने में लगने वाली ऊर्जा की खपत कम की जा सकती है.
यूरोपीय संघ की घोषणा ऐसे समय में हुई है जब जर्मनी भी पर्यावरण सम्मत टिकाऊ विकास के लिए बहुत से कदम उठा रहा है. संसदीय चुनावों के एक साल पहले जर्मन सरकार ने संसद में पर्यावरण सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने का वादा किया है. पिछले महीनों में जर्मनी में हुए अलग अलग चुनावों में जिस तरह से ग्रीन पार्टी के लिए समर्थन बढ़ा है, उससे माना जा रहा है कि लोगों में ग्रीन विकास की ललक बढ़ रही है.
ग्रीन पार्टी के लिए यदि अगले साल तक समर्थन जारी रहा है तो इस संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि देश का अगला चांसलर ग्रीन पार्टी का भी हो सकता है. अब तक ग्रीन पार्टी के संसद में सबसे बड़ी पार्टी बनने की उम्मीद कोई नहीं कर रहा था.
इस विकास का खामियाजा देश की सबसे पुरानी पार्टी सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी को भुगतना पड़ रहा है जो मतदाताओं के चार्ट में तीसरे स्थान पर पहुंच गई है. पार्टी नेता और पर्यावरण मंत्री स्वेन्या शुल्से पर पर्यावरण का समर्थन करने वाले मतदाताओं को लुभाने की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों की चुनौती होगी कि यूरोपीय लक्ष्यों पर सदस्य देशों के बीच सहमति कैसे हो पाती है.
लेकिन कार्बन उत्सर्जन में कमी के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए उद्योग का साथ आना जरूरी होगी. उसकी जिम्मेदारी चांसलर अंगेला मैर्केल की कंजरवेटिव पार्टी के पेटर अल्टमायर पर है और अर्थनीति मंत्री है. उद्योग में बिजली की खपत को कम करने, कार उद्योग में उत्सर्जन घटाने और अक्षय ऊर्जा को प्रोत्साहन देने पर उनका रवैया हिचकिचाहट वाला रहा है. लेकिन अब वे पर्यावरण सहमति की बात कर रहे हैं और पिछले हफ्ते पर्यावरण सुरक्षा और उद्योग के बीच सहमति की पहल की है.
एमजे/एनआर (डीपीए)
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