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लीबिया में फंसे भारतीयों को लाने जहाज रवाना

२५ फ़रवरी २०११

लीबिया में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए भारतीय जहाज मिस्र के लिए रवाना हो गए हैं. भारत के करीब 18 हजार नागरिक लीबिया में फंसे हुए है. पहले जहाज से 1200 की वापसी होगी.

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तस्वीर: dapd

लीबिया में जारी विरोध प्रदर्शनों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने मिस्र से बेनगाजी के लिए जहाज रवाना कर दिया है. इस जहाज द्वारा 1200 भारतीयों को लीबिया से निकाला जाएगा. घायल लोगों को और महिलाओं और बच्चों को पहले लाया जाएगा. विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने एक बयान में कहा, "भारत ने एक जहाज किराए पर लिया है. 'स्कोटिया प्रिंस' नाम का यह जहाज मिस्र में है और यहीं से यह बेनगाजी के लिए रवाना होगा. बेनगाजी से ही सारे भारतीयों को वापस लाया जाएगा."

विदेश मंत्री ने आश्वासन जताते हुए कहा, "सब भारतीय सुरक्षित हैं. वो सब जो वहां से वापस आना चाहते हैं, उन्हें वापस लाया जाएगा और इस के लिए उनसे कोई पैसे भी नहीं लिए जाएंगे." विदेश मंत्रालय के कर्मचारी और एक मेडिकल टीम जहाज पर मौजूद रहेंगे. स्कोटिया प्रिंस रविवार तक बेनगाजी पहुंच जाएगा और 1 मार्च तक मिस्र के सिकंदरिया शहर में भारतीयों के साथ पहुंचेगा. वहां से उन्हें एयर इंडिया के खास विमानों में भारत लाया जाएगा.

विदेश मंत्री ने बताया कि लीबिया में मौजूद भारतीय कंपनियों ने भी इसमें अपना सहयोग देने की इच्छा जताई है और त्रिपोली में भारतीय दूतावास से संपर्क किया है.

लीबिया में करीब 18 हजार भारतीय रहते हैं. इन में से अधिकतर त्रिपोली में रहते हैं, जहां हालात सबसे नाजुक हैं. तानाशाह गद्दाफी के खिलाफ भडके जन आंदोलन में अब तक 300 लोगों की मौत की खबर आ चुकी है, हालांकि मृतकों की संख्या इससे कहीं ज्यादा होने की आशंका जताई जा रही है. इनमें से सबसे अधिक त्रिपोली में ही मारे गए हैं. 4,000 लोग ऐसे हैं जो नामी कंस्ट्रक्शन कंपनियों में काम करते हैं, जैसे यूनिटेक, पुंज लॉयड और सिम्लेक्स. बुधवार को इन कंपनियों के प्रतिनिधि इस मामले पर विचार विमर्श करने के लिए भारत की विदेश सचिव निरुपमा राव से भी मिले.

इसके अलावा भारत सरकार लीबिया की ओर से विमान भेजे जाने के लिए स्वीकृति का इंतजार कर रही है. स्वीकृति मिलते ही विमान भी रवाना कर दिए जाएंगे. विदेश मंत्री ने कहा, सरकार लीबिया सहित बहरीन और यमन की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है. इन इलाकों में भारतीयों की मदद के लिए संबंधित देशों के साथ मंत्रिमंडल स्तरीय बातचीत भी जारी है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ईशा भाटिया

संपादन: एस गौड़

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