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व्हेलों को खाने वाली शार्क नर्सरी में बच्चे पालती थी

२७ नवम्बर २०२०

प्रागैतिहासिक काल में सागर में रहने वाली सबसे बड़ी शार्क अपने बच्चों को छिछले पानी वाली नर्सरियों में पालती थीं. गर्म पानी वाली इन नर्सरियों में पर्याप्त भोजन मौजूद रहता है और शिकारियों का खतरा भी नहीं होता था.

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USA Las Vegas 2009 | Enya Kim & Skelett von Tyrannosaurus Rex
स्कूल बस के आकार वाली शार्क का विशाल जबड़ातस्वीर: Ethan Miller/Getty Images

शार्कों को नर्सरी से तब निकाला जाता था जब वो पूरी तरह जवान हो कर गहरे सागर के राजा रानी बनने के लिए तैयार हो जाते. हालांकि जब धरती के ठंडे होने के कारण सागर का जलस्तर घटने लगा तब इन क्रूर शिकारी मछलियों ओटोडस मेगलोडोन्स के पास बहुत कम ही ऐसे ठिकाने बच गए थे जिन्हें वो अपने बच्चों को पालने के लिए नर्सरियों की तरह इस्तेमाल कर सकें. रिसर्चरों ने इस बारे में एक रिपोर्ट तैयार की है जिसे रॉयल सोसायटी के बायोलॉजी लेटर्स जर्नल ने छापा है.

व्हेल को खाने वाली शार्क

वास्तव में मागालोडॉन की नर्सरियों पर ज्यादा निर्भरता ने ही शायद दो करोड़ साल पहले सागर पर उनका एकछत्र राज खत्म कर दिया था. ओटोडस मेगालोडॉन को कभी कभी कार्चारोकल्स मेगालोडॉन के रूप में भी वर्गीकृत किया जाता है. इन्हें वयस्क होने में 25 साल का समय लगता था. हालांकि एक बार वयस्क हो जाने के बाद उनकी लंबाई 18 मीटर तक हो सकती थी जो आकार व्हाइट शार्क के सबसे लंबे आकार का तीन गुना है. व्हाइट शार्कों को 1975 की हिट फिल्म जॉज ने खासा लोकप्रिय बनाया.

30 लाख साल पहले इन विशालकाय शिकारियों के लुप्त होने तक इनका सागर में कोई प्रतिद्वंद्वी नहीं था. मुख्य रूप से छोटी शार्क और यहां तक कि व्हेल इनका भोजन बनती थीं.

Riesenhai - Cetorhinus maximus
व्हाइट शार्क से तीन गुना बड़ी होती थी ये मेगालोडॉन शार्कतस्वीर: picture-alliance/Mary Evans Picture Library/D. David Seifert

हालांकि बचपन में इन शार्कों को दूसरे शिकारियों का खतरा रहता था खासतौर से रेजर जैसे धारदार दांतों वाली शार्कों से. छिछले पानी वाली नर्सरियां जहां बड़ी संख्या में छोटी मछलियां उनके भोजन के लिए मौजूद थीं उन्हें पालने के लिए आदर्श होती थी. यहां दूसरे शिकारी भी जल्दी नहीं आते थे और वो बड़े आराम से पल बढ़ कर अपने विशाल आकार में ढल जाती थीं. रिसर्च रिपोर्ट के लेखकों का कहना है, "हमारे नतीजों ने पहली बार नर्सरी वाले इलाकों को दिखाया है जिनका इस्तेमाल ओ मेगालोडॉन करती थीं."

स्पेन में मिली शार्कों की नर्सरी

रिसर्च टीम ने स्पेन के तारागोना प्रांत में पूर्वी तट से कुछ दूर नर्सरी वाले इलाके का पता लगाया है. इससे पहले टीम ने एक म्यूजियम में मेगालोडॉन के दांतों के संग्रह को भी देखा. यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल के कार्लोस मार्टिनेज पेरेज और हुम्बर्टो फेरॉन इस रिपोर्ट के लेखकों में हैं . उन्होंने समाचार एजेंसी एएफपी से इन दांतों के बारे में कहा, "उनमें से कई इतने बड़े जीव के लिहाज से काफी छोटे थे." दांतों के आकार के आधार पर उन्होंने यह निष्कर्ष निकाला कि यह इलाका युवा मेगालोडॉन शार्कों की रिहायश रहा होगा. लेखकों का कहना है कि स्पैनिश नर्सरी को इन जीवों के "बढ़ने के लिए एक शानदार जगह" कहा जा सकता है.

रिपोर्ट के लेखकों के मुताबिक, "यह छिछली खाड़ी का इलाका रहा होगा जो सागर से जुड़ा है और ढेर सारे कोरल रीफ के साथ ही बड़ी संख्या में अकशेरुकी जीवों, मछली की प्रजातियों और समुद्री स्तनधारियों के साथ ही शार्कों का घर रहा होगा."

रिसर्चरों ने शार्क के दांतों के आठ दूसरे सेटों का भी विश्लेषण किया जो पहले अमेरिका, पेरू, पनामा और चिली से जमा किए गए. वो इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि इनमें से चार युवा शार्कों के थे. इनमें दो दांत अमेरिका और दो पनामा में मिले थे. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि जिन जगहों पर ये दांत मिले थे वो भी नर्सरी रही होंगी.

बाकी के चार दांत वयस्क शार्कों के हैं और माना जा रहा है कि इन्हें उन इलाकों से हासिल किया गया होगा जहां शार्क प्रजनन करने और भोजन करने के लिए रहती थीं. शार्क अपने जीवनकाल में निरंतर अपने दांत गिराती रहती हैं. नर्सरियों में बड़ी संख्या में शार्क रहती थीं, इसलिए वहां इनके जीवाश्मों के मिलने के खूब आसार हैं.

मेगालोडॉन मायोसीन दौर के गर्म पानी में रहते थे. इस प्रागैतिहासिक काल का विस्तार 2.3 करोड़ साल पहले से 50 लाख साल पहले तक था. हालांकि इसके बाद का प्लियोसिन दौर जो ठंडा था वह उन्हें बहुत नहीं भाया. इनका शिकार करने वाले जलीय जीव अनुकूलित हो कर ठंडे पानी वाले इलाकों में चले गए लेकिन मेगालोडॉन गर्म पानी वाले इलाकों में ही रहीं. ठंडी जलवायु के कारण बाद में छिछले पानी वाले इलाके कम हो गए क्योंकि समुद्री जल स्तर घट गया. मेगालोडॉन के धरती पर से लुप्त होने का शायद यही कारण बना.

एनआर/एके (एएफपी)

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