"शरीया कानून के मुताबिक बाइक पर बैठें"
१२ जनवरी २०१३इस कानून को लागू करने वाले शहर के मेयर स्वैदी यहया ने अपील की है कि वे इसे किसी प्रकार का भेदभाव न समझें. इसका मकसद इस्लामिक तौर तरीकों के आधार पर महिलाओं से जुड़े शरीया के नियम लागू करना है.
मानव अधिकार संगठनों के लगातार के बावजूद आचेह नगर प्रशासन ने इस कानून को लागू करने का फैसला किया है.
आचेह के लोकस्यूमावे नगर प्रशासन के सचिव डासनी युजार ने डॉयचे वेले से बातचीत में प्रतिबंध की पुष्टि की. उन्होंने कहा, "शहर के अंदर किसी प्रकार का विरोध नहीं है. जो प्रतिक्रियाएं आ रही हैं वे बाहर की हैं."
युजार ने बताया कि इस बारे में पर्चा बांट कर लोगों को पहले ही बता दिया गया था कि ऐसा कानून आने वाला है. इसमें साफ किया गया कि दोनों तरफ पैर फैलाकर बाइक पर बैठना महिलाओं के लिए उचित तरीका नहीं है. आचेह इंडोनेशिया में पहली जगह है, जहां लोग शरीया के नियम कायदों का पालन करते हैं. आलोचकों का मानना है कि इस तरह के प्रतिबंधात्मक नियम केवल महिलाओं और बच्चों के लिए ही आते हैं जो कि भेदभाव दिखाता है.
कैसे हुई शुरुआत
इस चर्चा की शुरुआत पिछले साल ही शुरू हुई थी. यहया कहते हैं, "प्रशासन केवल नैतिकता के संरक्षण के लिए ऐसा कदम उठा रहा है. महिलाओं का पैर फैलाकर मोटरसाइकिल पर बैठना पुरुष चालकों को उकसा सकता है. हम यहां इस्लामी नियमों का पालन कर रहे हैं." उन्होंने कहा अगर महिलाएं मोटरसाइकिल चला रही हैं तो उनके इस तरह बैठने में कोई बुराई नहीं है. शर्त बस इतनी है कि उस स्थिति में उन्हें इस्लामी लिबास पहनना होगा.
आचेह की इस्लामिक यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर अल यसा ने डॉयचे वेले से कहा कि इस्लाम में इस प्रकार का कोई प्रतिबंध नहीं है. इस कानून के विरोध में कहीं विरोधी मोटरसाइकिल पर फिल्म टाइटैनिक के एक शॉट की तरह महिला को बाइक पर बैठे दिखा रहे हैं तो कहीं चावल की बोरी की तरह जमीन पर पड़े हुए.
सुरक्षा पर सवाल
क्षेत्रीय लोगों का मानना है कि इस तरह के कानून इंडोनेशियाई इतिहास से बिलकुल विपरीत हैं. महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करने वाली जकार्ता की तुंगल प्रावेस्तरी कहती हैं कि बड़ी योद्धाओं ने भी घोड़े पर बैठ कर लड़ाइयां लड़ी हैं.
तुंगल प्रावेस्तरी कहती हैं, "शरीया पर आधारित लगभग हर नियम महिलाओं के अधिकारों के विरुद्ध होता है. ऐसे में जब हम उनके खिलाफ बात करते हैं तो अकसर मुस्लिम विरोधी या शरीया विरोधी मान लिए जाते हैं."
उनका कहना है कि मलेशिया में भी इस्लामी नियम माने जाते हैं लेकिन वहां एक तरफ पैर करके बाइक चलाना मना है और गिरफ्तारी भी हो सकती है, "हम इस तरह की बातें क्यों नहीं सीखते." वैसे आचेह के प्रशासन ने तीन महीने का वक्त दिया है और इसके बाद मोटर साइकिल पर दोनों तरफ पैर करके बैठने वाली महिलाओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
रिपोर्टः करिसा पारामिता/एसएफ
संपादनः ए जमाल