स्वर्ण मंदिर नहीं जाएंगे ओबामा
२० अक्टूबर २०१०अगले महीने भारत का दौरा कर रहे ओबामा पहले स्वर्ण मंदिर जाने वाले थे. सिखों के इस सबसे पवित्र धार्मिक स्थल पर जाने वाले हर व्यक्ति को अपना सिर ढकना होता है. लेकिन सूत्रों का कहना है कि ओबामा इस बात से परेशान है कि कहीं उनके आलोचक सिर पर कपड़ा रखने के बाद अमेरिका में उन्हें मुसलमान के तौर पर पेश न करने लगें.
नई दिल्ली में एक राजनयिक ने एएफपी को बताया, "वह अब अमृतसर नहीं जाएंगे. सिर पर कपड़ा रखना एक मुद्दा है. साथ ही यात्रा संबंधी कुछ अन्य परेशानियां भी हैं." इसलिए ओबामा के अमृतसर दौरे को रद्द करना पड़ा है. वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय के कहा कि ओबामा का स्वर्ण मंदिर दौरा अमेरिकी राजनियकों की एक टीम ने ही तय किया था. एक अधिकारी ने एएफपी को बताया, "हमने उन्हें सभी जरूरी मदद और मशविरे दिए. लेकिन यह फैसला अमेरिकी अधिकारियों को करना है कि ओबामा को स्वर्ण मंदिर जाना चाहिए या नहीं."
उधर स्वर्ण मंदिर प्रबंधन से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी गुरुबचन सिंह कहते हैं, "हम लोगों से अपना सिर ढकने की उम्मीद करते हैं. ओबामा का मंदिर में स्वागत है. वह सिर्फ एक टोपी पहन सकते हैं." वैसे आम तौर पर स्वर्ण मंदिर में टोपी पहनने की अनुमित नहीं है क्योंकि सिर पर कपड़े को बांधा जाना जरूरी है. बहुत से पर्यटक मंदिर में बिकने वाले चोकोर कपड़े सिर पर बांध कर मंदिर में जाते हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति का पूरा नाम बराक हुसैन ओबामा है और वह ईसाई है, लेकिन अमेरिका के दक्षिणपंथी उन्हें मुसलिम मानते हैं. अगस्त में टाइम मैगजीन की तरफ से कराए गए सर्वे के मुताबिक 24 प्रतिशत लोगों ने ओबामा को मुस्लिम बताया था. दरअसल ओबामा के पिता का संबंध केन्या के एक मुसलिम परिवार से था.
वैसे अमेरिका में 11 सितंबर 2001 की आंतकवादी घटना के बाद से सिखों को भी कई लोग नफरत की निगाह से देखते हैं. पगड़ी और दाढ़ी की वजह से पश्चिमी देशों के लोग सिखों और मुसलमानों में खास फर्क नहीं कर पाते हैं. अमेरिका के एरिजोना में एक व्यक्ति ने एक सिख गैरैज मालिक को अरब देश का समझ कर उसकी गोली मार कर हत्या कर दी.
रिपोर्टः एएफपी/ए कुमार
संपादनः आभा एम