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प्रकृति के नुकसान को पलटने की शपथ

२९ सितम्बर २०२०

64 देशों और यूरोपीय संघ के नेताओं ने बीते दशकों में प्रकृति को हुए अभूतपूर्व नुकसान को 2030 तक पलटने की शपथ ली है. शपथ में नेताओं ने लिखा कि वो इस भूमंडलीय आपातकाल का सामना करने के लिए अर्थपूर्ण कार्रवाई करेंगे.

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Nordafrika I Marokko I Ausgetrocknetes Flussbett im Atlas-Gebirge
तस्वीर: Ashley Cooper/Global Warming Images/picture-alliance

सोमवार को ली गई शपथ में नेताओं ने लिखा, "प्रकृति के लिए इस शपथ को लेते हुए हम अपनी प्रतिबद्धता जताते हैं कि हम इस भूमंडलीय आपातकाल का सामना सिर्फ शब्दों में नहीं करेंगे बल्कि अर्थपूर्ण कार्रवाई भी करेंगे और एक दूसरे की जवाबदेही भी स्थापित करेंगे."

शपथ में आगे लिखा है, "विज्ञान ने स्पष्ट रूप से दर्शाया है कि जैव विविधता का लोप, भूमि और महासागरों की दुर्दशा, प्रदूषण, संसाधनों का कम होना और जलवायु परिवर्तन, सब अभूतपूर्व गति से आगे बढ़ रहे हैं. हमारे जीवन को सहारा देने वाली प्रणालियों को अपरिवर्तनीय नुकसान हो रहा है और इससे गरीबी, असमानताएं, भूख और कुपोषण भी बढ़ रहे हैं."

इन प्रतिज्ञाओं में कोरोना वायरस से उभरने में जैव विविधता को केंद्र में रखना, लंबे समय तक चलने वाली सप्लाई चेनों को समर्थन देना, अनियंत्रित मछली पकड़ने का अंत करना, 2050 तक महासागरों में प्लास्टिक के जाने को खत्म करना और वन्य जीवों की अवैध तस्करी को रोकना शामिल है. शपथ पर हस्ताक्षर करने वालों में राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों, जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन शामिल हैं.

Polen | Fridays For Future Proteste in Warschau
25 सितंबर को पोलैंड के वॉरसॉ में क्लाइमेट जस्टिस की मांग करते लोगों की रैली.तस्वीर: Attila Husejnow/Zumapress/picture-alliance

लेकिन दुनिया में सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले कई देश इसमें शामिल नहीं हुए, जिनमें ब्राजील, चीन, भारत और अमेरिका शामिल हैं. शपथ संयुक्त राष्ट्र के जैव विविधता सम्मलेन के मौके पर ली गई है, जिसका आयोजन बुधवार को होना है. इसे विश्व के नेताओं के लिए पर्यावरण को हो रहे नुकसान की रोकथाम के लिए उनकी महत्वाकांक्षा को बढ़ाने के एक मौके के रूप में देखा जा रहा है.

कुछ ही दिनों पहले संयुक्त राष्ट्र की एक अहम रिपोर्ट आई थी जिसमें कहा गया था कि 10 साल पहले वैश्विक जैव विविधता के जिन 20 बिंदुओं को 2020 तक हासिल कर लेने का लक्ष्य रखा गया था, सभी देश उनमें से एक को भी पूरी तरह से हासिल नहीं कर पाए हैं. संयुक्त राष्ट्र का ऐतिहासिक सीओपी15 जैव विविधता अधिवेशन मई में चीन के कुंमिंग में होना है और उसमें प्रकृति को नष्ट होने से बचाने की 10 साल की एक रणनीति पर सहमति बनाने के लिए चर्चा होगी.

सीके/एए (डीपीए)

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