रूसी गैस पर निर्भरता खत्म करने में क्या इस्रायल मददगार होगा
१६ मई २०२२इस्रायल अपने यहां प्राकृतिक गैस का उत्पादन बढ़ा रहा है. उसका लक्ष्य है, आने वाले महीनों में यूरोप के साथ ऊर्जा क्षेत्र में आपूर्ति के लिए समझौता करना. वह अभी करीब 20 अरब क्यूबिक मीटर गैस का उत्पादन कर रहा है. उसकी योजना अगले कुछ सालों में इसे दोगुना करने की है. इंडस्ट्री के जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, इसके लिए इस्रायल अपनी मौजूदा परियोजनाओं में विस्तार भी कर रहा है.
धीरे-धीरे आपूर्ति बढ़ाने की योजना
फिलहाल इस्रायल अपने घरेलू बाजार में गैस की आपूर्ति करता है. इसके अलावा पाइपलाइनों के स्थानीय नेटवर्क की मदद से वह पड़ोसी देश मिस्र और जॉर्डन को भी गैस भेजता है. इस्रायल की योजनाओं के बारे में बात करते हुए देश के ऊर्जा मंत्रालय के निदेशक जनरल लिऑ शीलट ने कहा, "उम्मीद है कि प्रक्रिया तेज होगी और इसी साल हम समझौते की रूपरेखा तैयार कर लेंगे."
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शीलट ने बताया कि शुरुआत में आपूर्ति की मात्रा कम और रफ्तार धीमी होगी. हालांकि उत्पादन और परिवहन की क्षमता बढ़ने के साथ इसमें इजाफा होगा. शीलट ने यह भी बताया कि अगर समझौता होता है, तो यूरोप को इसका फायदा मिलने में कम-से-कम 2024 तक का समय लगेगा. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि समझौते में कौन से देश या संगठन शामिल हो सकते हैं.
क्या विकल्प हैं?
इस्रायल से यूरोप को गैस भेजने के लिए एक सप्लाई रूट चुनना चुनौती भरा काम है क्योंकि इसमें क्षेत्रीय राजनीति का भी ध्यान रखना होगा. एक विकल्प है, मिस्र के लिक्वीफिकेशन प्लांटों से होते हुए पाइपलाइनों के मार्फत गैस आगे भेजना. एक फ्लोटिंग लिक्वीफाइड नैचुरल गैस (एफएलएनजी) संयंत्र बनाने की योजना पर भी विचार हो रहा है. इसकी मदद से इस्रायल से सीधे यूरोप तक गैस भेजी जा सकेगी.
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दूसरी संभावनाओं में प्रस्तावित ईस्टमेड पाइपलाइन शामिल है. इस महत्वाकांक्षी परियोजना के सहारे गैस फील्ड को यूरोप से जोड़ा जा सकेगा. तुर्की के लिए छोटी पाइपलाइन बिछाना और वहां से यूरोप को आपूर्ति भेजना भी एक विकल्प है.
हालांकि यूरोप को गैस भेजने के लिए मिस्र सबसे तेज रास्ता है. गैस सलाहकार गिना कोहेन ने इस्रायल विदेश मंत्रालय और यूरोपीय संसद को इस संबंध में जो रिपोर्ट दी, उसमें कहा गया कि एफएलएनजी बनाने से किसी ट्रांजिट देश पर निर्भरता नहीं रहेगी. वहीं सीधी पाइपलाइन से गैस भेजने से लोगों को सस्ती गैस तो मिलेगी, लेकिन पाइपलाइन बनाने में समय लगेगा. कोहेन ने कहा, "इस्रायल को जितना जल्द हो सके, फैसले लेने चाहिए. यूरोप के साथ गैस आपूर्ति का करार करने और यूरोप के लिए मुख्य गैस सप्लायर बनने का मौका बहुत ज्यादा दिनों तक नहीं खुला रहेगा."
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इस्रायल, साइप्रस और ग्रीस पहले ही पानी के नीचे से होकर जाने वाली पावर केबल बनाने का समझौता कर चुके हैं. इससे उनकी बिजली की ग्रिडें जुड़ जाएंगी और आपातकाल में बिजली बैक-अप भी दिया जा सकेगा. यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर यूरोप रूस से ऊर्जा आयात रोकना चाहता है. इस्रायल से मिलने वाली आपूर्ति यूरोप के ऊर्जा विकल्प बढ़ाने में मदद करेगी.
एमएम/एनआर (रॉयटर्स)