"संगीत से दूर होंगी दूरियां"
१२ अगस्त २०१३इस बैंड को चलाने वाले तीन भाइयों वली हामिद अली खान, इनाम अली खान और नायाब अली खान का मानना है कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक अदला बदली को बढ़ाने से कई समस्या अपने आप दूर हो जाएंगी. रागा ब्वायज पहली बार किसी बांग्ला फिल्म में काम करने कोलकाता के दौरे पर आया. उनका एक सूफी गीत उन्हीं पर फिल्माया गया. पेश है तीनों भाइयों से डॉयचे वेले की बातचीत के कुछ हिस्सेः
डीडब्ल्यूः पहले अपने बैंड के बारे में बताइए.
रागा ब्वायजः हमारा संबंध पटियाला घराने से है. हमने 2006 में बैंड बनाया और इसका नाम हमारे पिता उस्ताद हामिद अली खान ने रखा. हमारे पिता को पाकिस्तान में एक महान गायक समझा जाता है.
डीडब्ल्यूः आपके बैंड ने अब तक कहां-कहां शो किए हैं ?
रागा ब्वायजः हमने लंदन, न्यूयार्क, सिडनी, बैंकॉक, हैदराबाद और दिल्ली के अलावा सउदी अरब में भी शो किए हैं. वैसे दो साल पहले मुंबई में भी हमारा शो था. लेकिन कुछ संगठनों के विरोध की वजह से उसे टालना पड़ा. कोलकाता के लोगों में संगीत की गहरी समझ है.
डीडब्ल्यूः कोलकाता आने और बांग्ला फिल्म में काम करने की योजना कैसे बनी ?
रागा ब्वायजः दरअसल, इस फिल्म बांग्ला नाचे भांगड़ा के निर्माता नीतेश शर्मा के एक दोस्त ने हमारे बारे में बताया. उसके बाद बातचीत हुई. कुछ दिनों बाद उन्होंने फिल्म में काम करने का प्रस्तव रखा. हमने उनको पहले एक भांगड़ा गीत बना कर सुनाया. लेकिन बात नहीं बनी तो हमने सूफी का सहारा लिया. इस गाने की रिकॉर्डिंग लाहौर में हुई. इस तरह हमारे सफर की शुरूआत हुई.
डीडब्ल्यूः बॉलीवुड और पाकिस्तान के बीच कैसी केमिस्ट्री है ?
रागा ब्वायजः इन दोनों के बीच जबरदस्त केमिस्ट्री है. बॉलीवुड की ज्यादातर फिल्मों में अब एकाध ऐसा गीत जरूर रहता है जिसे मूल रूप से पाकिस्तान में गाया गया हो या पाकिस्तानी गायकों ने गाया हो. वहां हर टीवी चैनल पर हिन्दी गीत बजते हैं. इसी तरह पाकिस्तान में हम बॉलीवुड में लिखे और गाए जाने वाले गीतों पर नजर रखते हैं.
डीडब्ल्यूः पाकिस्तान में संगीत बैंडों की क्या हालत है ?
रागा ब्वायजः पांच साल पहले पाकिस्तानी बैंडों की हालत बेहतर थी. लेकिन अब बॉलीवुड के संगीत ने उन्हें पीछे छोड़ दिया है. मीडिया भी वहां के बैंड का समर्थन नहीं करता. कुछ समय पहले तक पाकिस्तान में ऐसे बैंड काफी लोकप्रिय थे. अब ज्यादातर गायक बॉलीवुड में कदम रखने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन युवा पीढ़ी में बैंड लोकप्रिय हैं.
डीडब्ल्यूः भारतीय गीतकारों और संगीतकारों में कौन पसंद हैं ?
रागा ब्वायजः मौजूदा पीढ़ी के गायकों में सोनू निगम के अलावा शान, केके, सुनिधि चौहान और श्रेया घोषाल पसंद हैं. एआर रहमान हमारे सबसे पसंदीदा संगीतकार हैं. उनका संगीत अलग दुनिया से रूबरू कराता है.
डीडब्ल्यूः बॉलीवुड में आप कहां तक पहुंचे हैं ?
रागा ब्वायजः हमने पिछले साल मैक्सिमम के प्रमोशनल ट्रैक के जरिए बॉलीवुड में कदम रखा. उस वीडियो में सोनी सूद, नेहा धूपिया और नसीरुद्दीन शाह समेत कई अदाकारों के साथ हमारे बैंड को फिल्माया गया था. फिलहाल हमारे पास छह फिल्में हैं. उनके अलावा एबीसीडी 2 में गाने का भी ऑफर है.
डीडब्ल्यूः भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव में संगीत कैसी भूमिका निभा सकता है ?
रागा ब्वायजः संगीत इन दोनों देशों के बीच की दूरियों को मिटा सकता है. हमारी राय में दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक अदला बदली को और मजबूत करना चाहिए. संगीत दिलों से नफरत दूर कर हमें एक दूसरे के करीब ला सकता है.
इंटरव्यूः प्रभाकर, कोलकाता
संपादनः ए जमाल