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समाज

अब कनाडा के सांसद बोले उइगुरों के साथ हो रहा है 'नरसंहार'

२३ फ़रवरी २०२१

कनाडा के सांसदों ने चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगुर मुस्लिमों के साथ बीजिंग के रवैये को नरसंहार के रूप में चिह्नित करने के लिए सोमवार को एक प्रस्ताव पर मतदान किया. जिसे चीन ने "दुर्भावनापूर्ण उकसावा" बताया है.

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तस्वीर: Reuters/T. Peter

चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगुर मुसलमानों को जबरन कैंपों में रखने का आरोप लगता आया है और उसके "सुधार केंद्रों" की दुनिया भर में आलोचना होती रही है. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि इन कैंपों में उइगुरों और अन्य जातीय अल्पसंख्यकों के दस लाख से अधिक सदस्यों को जबरन रखा गया है. शिनजियांग में मुस्लिम आबादी को चीनी अधिकारियों के हाथों लंबे समय से प्रताड़ित किया जाता रहा है. सोमवार को कनाडा की संसद में उइगुर मुसलमानों के साथ चीन के बर्ताव को लेकर एक प्रस्ताव पेश किया गया. इस प्रस्ताव का नाम चीन में उइगुरों का नरसंहार दिया गया था, जिसे हाउस ऑफ कॉमन्स में सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया.

मंत्रियों ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से आधिकारिक तौर पर उसे यह घोषित करने की मांग की. साथ ही प्रस्ताव में कहा गया कि अगर "नरसंहार" जारी रहता है तो 2022 बीजिंग विंटर ओलंपिक का आयोजन कहीं और कराया जाए.

चीन का पलटवार

पिछले साल अमेरिका ने उइगुर मानवाधिकर कानून बनाया था. इस कानून के मुताबिक अमेरिकी प्रशासन को उन चीनी अधिकारियों पर "कार्रवाई" का प्रावधान है जो उइगरों और अन्य अल्पसंख्यकों की "मनमानी हिरासत, यातना और उत्पीड़न" के लिए जिम्मेदार हैं. शुक्रवार को ही ट्रूडो ने कहा था शिनजियांग से उत्पीड़न की महत्वपूर्ण रिपोर्टें बाहर आ रही हैं. मंगलवार को बीजिंग ने पलटवार करते हुए कनाडा की संसद में पारित प्रस्ताव को "शर्मनाक कृत्य" बताया है. ओटावा में चीनी दूतावास ने एक बयान में कहा, "शिनजियांग से जुड़ा प्रस्ताव पारित कर चीन के विकास को रोकने की कनाडा की कोशिश सफल नहीं होगी." दूतावास ने "शिनजियांग पर राजनीत" करने का आरोप कनाडा के सांसदों पर लगाया है और उन्हें "पाखंडी और बेशर्म" बताया है.

China Still Straßenszene in Kaxgar
तस्वीर: Mathias Bölinger/DW

कई उइगुर मुसलमान चीन से भाग कर विदेशों में जाकर बस चुके हैं. कैंप में रखे जाने वाले लोगों का कहना है कि वहां विचारों को बदलने के लिए कठिन प्रशिक्षण दिया जाता है, साथ ही मंदारिन भाषा के कोर्स कराए जाते हैं. अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडेन भी पिछले दिनों कह चुके हैं कि चीन में अल्पसंख्यकों के साथ किस तरह का बर्ताव किया जा रहा है, यह सभी जानते हैं. साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर वह मानवाधिकारों का उल्लंघन बंद नहीं करता है तो उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.

एए/सीके (रॉयटर्स, एएफपी)

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