रूस को हथियार बेचने के खिलाफ अमेरिका की चेतावनी
६ सितम्बर २०२३ऐसी आशंका है कि यूक्रेन पर चढ़ाई के बाद प्रतिबंध झेल रहा रूस अपने सहयोगी देशों से हथियार लेने की जुगत में लगा है ताकि कीव की तरफ से लगातार जारी प्रतिरोध का मुकाबला कर सके. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सलीवन ने कहा है कि प्योंग्यांग और मॉस्को, रूस की सैन्य जरूरतों को देखते हुए उच्च स्तरीय बातचीत करने की कोशिशों में लगे हैं. सलीवन ने कहा कि रूस, उत्तर कोरिया से मिले इन हथियारों का इस्तेमाल सर्दियों की तरफ बढ़ रहे यूरोप में खाद्य आपूर्ति और हीटिंग सिस्टम पर चोट करने के लिए कर सकता है ताकि "उस जमीन पर कब्जा कर सके जो एक संप्रभु राष्ट्र की है. यह उत्तर कोरिया के लिए अच्छा नहीं होगा और उसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय में इसकी कीमत चुकी होगी." सलीवन ने यह भी कहा कि रूस का उत्तर कोरिया की तरफ मुड़ना दिखाता है कि हालात क्या हैं.
रूस और उत्तर कोरिया की नजदीकी
व्हाइट हाउस का कहना है कि अतिरिक्त हथियार जुटाने के मकसद से रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने जुलाई में उत्तर कोरिया की यात्रा की. मंगलवार को क्रेमलिन की तरफ से बयान आया कि पुतिन और किम के बीच आगामी बैठक की पुष्टि करना मुमकिन नहीं है. क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा, "हमें इस पर कुछ नहीं कहना है." इससे पहले शोइगु ने सोमवार को कहा कि उत्तर कोरिया और रूस साझा सैन्य अभ्यास पर विचार कर रहे हैं. समाचार एजेंसी तास में छपे बयान के मुताबिक शोइगु कहा, "क्यों नहीं, वह हमारे पड़ोसी हैं." अमेरिका ने पिछले हफ्ते कहा था कि रूस, उत्तर कोरिया के साथ खुफिया बातचीत कर रहा है ताकि युद्ध को जारी रखने के लिए जरूरी हथियार इकट्ठा कर सके.
द न्यू यॉर्क टाइम्स अखबार में छपी खबर में बताया गया कि इसी महीने, किम जोंग उन ट्रेन पर सवार होकर रूस के पैसिफिक तट के पास स्थित व्लादिवोस्तोक जाने वाले हैं जहां वह पुतिन से मुलाकात करेंगे. व्लादिवोस्तोक में ही पिछले साल ईस्टर्न इकॉनॉमिक फोरम की बैठक हुई थी जिसमें 68 देशों ने हिस्सा लिया था.
हथियारों की डील
टाइम्स की रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि पुतिन, उत्तर कोरियासे आर्टिलरी शेल और ऐंटीटैंक मिसाइल हासिल करना चाहते हैं. जबकि किम जोंग उन एडवांस सैटेलाइट तकनीक और परमाणु संपन्न पनडुब्बियों की तलाश में हैं. साथ ही उत्तर कोरिया को खाद्य सहायता की भी काफी जरूरत है. सियोल की यूनिफिकेशन मिनिस्ट्री में उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच संबंधों पर काम करने वाले एक अधिकारी ने बताया है कि हालात को देखते हुए ऐसा लगता है कि प्योंग्यांग और मॉस्को के बीच हथियारों की एक डील होने की संभावना है. अधिकारी ने कहा, "उत्तर कोरिया और उसके पड़ोसी देशों के बीच किसी भी तरह का सहयोग इस तरह होना चाहिए कि उससे अंतरराष्ट्रीयर नियम और शांति भंग ना हों."
पिछले हफ्ते संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया और जापान ने इस बात की ओर ध्यान दिलाया कि रूस और उत्तर कोरिया के बीच संधि, सुरक्षा परिषद के उस रिजॉल्यूशन का उल्लंघन होगी जो प्योंग्यांग के साथ सैन्य समझौते की मनाही करता है और जिसका समर्थन खुद रूस ने किया था.
एसबी/ओएसजे(एएफपी)