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समाज

यूपी में हफ्ते भर में 40 मजदूर हादसों में कुचले गए

समीरात्मज मिश्र
१६ मई २०२०

उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में सड़क के किनारे खड़े एक ट्रक को पीछे से आते दूसरे ट्रक ने टक्कर मार दी जिसमें 24 मजदूरों की मौत हो गई और 37 लोग घायल हो गए. यूपी में हफ्ते भर में हादसों में 40 मजदूर मारे गए हैं.

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Indien Uttar Pradesh Auraiya LKW-Unfall mit toten Migranten-Arbeitern
तस्वीर: Reuters/ANI

मौके पर पहुंचे औरैया के जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने बताया, "पीछे से आ रहे ट्रक में राजस्थान से आ रहे कई मजदूर सवार थे. मरने वाले सभी मजदूर इसी ट्रक में सवार थे जबकि सड़क पर खड़े ट्रक में सवार लोग भी घायल हुए हैं. घायलों का सैफई के मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है जिसमें छह लोगों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है.”

मारे गए ज्यादातर मजदूर झारखंड के रहने वाले थे. इसके अलावा बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के लोग भी इस ट्रक में सवार थे. राजस्थान के भरतपुर से चले इस ट्रक में चूने की बोरियां भरी हुई थीं और उनके ऊपर करीब पचास मजदूर बैठे हुए थे. स्थानीय पत्रकार मनु शर्मा ने बताया कि टक्कर इतनी जोर की थी कि दोनों ही ट्रक उछलकर काफी दूर गड्ढे में जा गिरे.

घटना की जानकारी मिलते ही औरैया के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक समेत तमाम अधिकारी घटना स्थल पर पहुंच गए. सभी को पहले औरैया के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन गंभीर रूप से घायल लोगों को बाद में सैफई के मेडिकल कॉलेज में भेज दिया गया. करीब दो घंटे बाद पहुंची पुलिस और प्रशासनिक टीम ने राहत और बचाव कार्य शुरू किया. मौके पर मौजूद कानपुर मंडल के आयुक्त सुधीर कुमार बोबडे ने बताया कि दोनों ट्रकों में फंसे लोगों को क्रेनों की सहायता से निकाला गया और फिर उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया.

Indien Uttar Pradesh Auraiya LKW-Unfall mit toten Migranten-Arbeitern
तस्वीर: Reuters/ANI

जांच और मुआवजा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताया है और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है. 

वहीं, घटना की जानकारी मिलते ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर मंडल के आयुक्त और कानपुर जोन के पुलिस महानिरीक्षक को तुरंत घटना स्थल पर पहुंच कर राहत कार्यों में तेजी लाने और घटना की जांच करके विस्तृत रिपोर्ट देने के आदेश दिए. मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक मदद और घायलों के इलाज का खर्च वहन करने की घोषणा की.

मुख्यमंत्री ने पीड़ितों को हर संभव मदद देने और घायलों का समुचित उपचार सुनिश्चित कराने का अधिकारियों को निर्देश दिया है. घटना शनिवार सुबह करीब तीन बजे की है जब औरैया जिले में कानपुर हाईवे पर सड़क के किनारे खड़े एक डीसीएम को तेज रफ्तार आ रही ट्रक ने टक्कर मार दी. बताया जा रहा है कि डीसीएम के ड्राइवर ने रास्ते में चाय पीने के लिए गाड़ी खड़ी की थी. डीसीएम में भी 13 लोग सवार थे और ज्यादातर घटना के वक्त सो रहे थे. डीसीएम में सवार सभी लोग दिल्ली से आ रहे थे और उन्हें मध्य प्रदेश जाना था.

घटना के एक चश्मदीद ने बताया कि दोनों ट्रकों की टक्कर इतनी तेज थी कि इसकी आवाज काफी दूर तक सुनाई दी और आस-पास के गांवों के लोग घबराकर जग गए. सूचना मिलने पर पुलिस के अलावा आस-पास के लोगों ने भी पहुंचकर राहत कार्यों में मदद की.

राजनीति शुरू

दूसरी तरफ इस मामले में राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है. उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने कहा है, "कल ही प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि प्रवासी मजदूरों के लिए खाना-पीना से लेकर ट्रांजिट और रहने की व्यवस्था तक की गई है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्री के आदेश को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है.” उन्होंने ट्वीट कर केंद्र और राज्य सरकार से मजदूरों के लिए उचित व्यवस्था करने को कहा है.

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वहीं समाजवादी पार्टी नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री द्वारा घोषित आर्थिक मदद पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने ट्वीट कर भाजपा सरकार से प्रति मृतक 10 लाख रुपए की राशि देने की मांग की है.

लॉकडाउन के बाद से अपने घरों को जा रहे मजदूर कई बार दुर्घटना के शिकार हो चुके हैं. हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को इस बात के सख्त निर्देश दिए हैं कि कोई भी व्यक्ति न तो पैदल जाने पाए और न ही ट्रक इत्यादि में सवार होकर. बावजूद इसके लोग जा भी रहे हैं और दुर्घटनाएं भी लगातार हो रही हैं.

बार बार हादसे

एक दिन पहले ही अयोध्या हाईवे पर तेज रफ्तार एक वाहन ने पैदल जा रहे 11 श्रमिकों को रौंद दिया था जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी. इससे पहले बीती 14 मई की देर रात उत्तर प्रदेश के जालौन और बहराइच में दो अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में तीन प्रवासी मजदूरों की मौत होगई जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए.

वहीं 13 और 14 मई को तीन अलग-अलग हादसों में 15 मजदूरों की मौत हो गई और कई घायलों का इलाज अभी भी अस्पतालों में हो रहा है. मध्य प्रदेश में बस की टक्कर से ट्रक में सवार आठ प्रवासी श्रमिकों की मौत हो गई थी.

न सिर्फ उत्तर प्रदेश में बल्कि देश के अन्य राज्यों से भी इस तरह की दुर्घटनाओं की खबरें आए दिन मिल रही हैं. पिछले हफ्ते महाराष्ट्र के औरंगाबाद में एक मालगाड़ी की चपेट में आने से रेल पटरियों पर सो रहे 16 प्रवासी मजदूरों  की मौत हो गई थी. ये प्रवासी मजदूर अपने गृहराज्य मध्य प्रदेश लौटने के लिए श्रमिक विशेष ट्रेन में सवार होने के लिए महाराष्ट्र के जालना से भुसावल जा रहे थे. रास्ते में थकान के कारण वे रेल पटरियों पर ही सो गए थे.

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