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संकट से कैसे उभरेगा भारतीय टेलीकॉम सेक्टर

आमिर अंसारी
१५ नवम्बर २०१९

टेलीकॉम सेक्टर की आर्थिक हालत नाजुक हो गई है. उन्हें सरकार से राहत की उम्मीद. कर्मचारी और ग्राहक भविष्य को लेकर चिंतित हैं.

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Vodafone Abhörskandal
तस्वीर: REUTERS

वोडाफोन आइडिया को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में बड़ा नुकसान हुआ है. दूरसंचार क्षेत्र की दिग्गज कंपनी वोडाफोन आइडिया को दूसरी तिमाही में 50,921 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. दरअसल कंपनी के ऊपर हजारों करोड़ का बकाया है और उसने अपनी दूसरी तिमाही में इस देनदारी को जोड़ दिया है. समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) पर सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में आदेश दिया था जिसके बाद कंपनी को इतना बड़ा नुकसान हुआ.

समझिए क्या है मामला, किसको देनदारी?

दरअसल वोडाफोन आइडिया, एयरटेल समेत अन्य कुछ टेलीकॉम कंपनियों पर सरकार की कुल 1.4 लाख करोड़ रुपये की पुरानी देनदारी बन रही है. वोडाफोन आइडिया ने देनदारियों के लिए खर्च के प्रावधान को जोड़ा है, जिसकी वजह से उसे करीब 50,921 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. मीडिया में कहा जा रहा है कि वोडाफोन आइडिया को जितना नुकसान दूसरी तिमाही में हुआ है उतना किसी भी कंपनी को अब तक नहीं हुआ है.

दूरसंचार कंपनी एयरटेल ने भी चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 23 हजार करोड़ रुपये से अधिक का घाटा दर्ज किया है. एयरटेल पर भी सरकार के प्रति देनदारी है. अगर दोनों कंपनियों के घाटे को जोड़ दें तो यह करीब 74,000 करोड़ रुपये बनता है. एयरटेल ने भी सांविधिक देनदारी को दूसरी तिमाही में जोड़ा है. असल में एजीआर पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने कंपनियों की वित्तीय हालत खराब कर दी है.

Indien Vodafone Werbung in Neu Delhi
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/T. Topgyal

किस लिए बकाया है रकम

कंपनियों पर स्पेक्ट्रैम के इस्तेमाल, टेलीकॉम लाइसेंस फीस, जुर्माना और ब्याज मिलाकर करीब 1.40 लाख करोड़ रुपये सरकार की देनदारी है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में टेलीकॉम कंपनियों के खिलाफ आदेश सुनाया था और सरकार द्वारा तय परिभाषा को सही माना था. यानी कंपनियों को टेलीकॉम सेवाओं के अलावा गैर टेलीकॉम सेवा से होने वाली आय को एजीआर में जोड़ा जाए. जब कंपनी इसके लिए प्रावधान कर रही है तो उसे भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

आगे क्या है रास्ता?

कंपनियों को उम्मीद है कि केंद्र सरकार उन्हें थोड़ी राहत दे तो उनके लिए कारोबार करना आसान हो जाएगा. कंपनियां चाहती है कि सरकार उन्हें जुर्माने और ब्याज पर राहत दे. वोडाफोन ग्रुप के मुख्य कार्यकारी निक रीड ने पिछले दिनों भारत में कारोबार को लेकर अनिश्चितता की बात कही थी लेकिन सरकार की नाराजगी के बाद उन्होंने बयान का गलत अर्थ निकालने की बात कही थी. 

Jio Phone Indien
तस्वीर: picture alliance/dpa/I. Aditya

ग्राहक और कर्मचारी पर संकट कितना?

एक अनुमान के मुताबिक वोडाफोन आइडिया के भारत में करीब 30 करोड़ ग्राहक हैं और ग्राहकों के हिसाब से बाजार में इसकी हिस्सेदारी करीब 30 फीसदी है. ग्राहकों के साथ-साथ वोडाफोन आइडिया के हजारों कर्मचारियों के भविष्य पर भी खतरा मंडरा रहा है. आर्थिक मंदी और बेरोजगारी के बढ़ते दबाव के बीच मोदी सरकार के सामने एक नई चुनौती है जिसे हर हाल में पार पाना होगा.

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