एक ट्रांस महिला की खुद को स्वीकारने की कहानी
८ जनवरी २०२१फैशन डिजाइनर सायशा शिंदे को अब तक स्वप्निल शिंदे नाम से एक पुरुष के रूप में जाना जाता था. उन्होंने अब बताया है कि वर्षों से वो सोचती थीं कि वो एक समलैंगिक पुरुष हैं, लेकिन सिर्फ छह साले पहले उन्हें यह एहसास हुआ कि दरअसल वो एक ट्रांसजेंडर महिला हैं और अब उन्होंने यह सच्चाई दुनिया के सामने लाने का फैसला किया है.
सायशा ने इंस्टाग्राम पर यह खुलासा करते हुए लिखा कि बचपन से बाकी लड़कों से 'अलग' होने की वजह से उन्हें सताया जाता था जिसकी वजह से वो खुद भी अपने अंदर एक दर्द महसूस करती थीं. तब उनका जीवन दबाव और असमंजस से घिरा रहा करता था और वो खुद को अकेला महसूस करती थीं. समाज की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए वो एक नकली जिंदगी जी रही थीं जिसका उन्हें एहसास था और जिसकी वजह से उन्हें घुटन महसूस होती थी.
लेकिन सायशा का कहना है कि बड़े होने पर जब उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी में प्रवेश लिया तो वहां उन्हें अपनी सच्चाई को स्वीकार करने की हिम्मत मिली. लेकिन उनका असली असमंजस सिर्फ छह सालों पहले दूर हुआ जब उन्हें यह एहसास हुआ कि वो पिछले कई सालों से अपने आप को एक समलैंगिक पुरुष समझती आई थीं, जबकि वो असल में एक ट्रांसजेंडर महिला हैं.
उन्होंने बताया कि यह सब करना उनके लिए बहुत मुश्किल था लेकिन इस पूरे संघर्ष में उनके परिवार, विशेष रूप से उनके पिता, और उनके मित्रों का उन्हें बराबर साथ मिला जो उनके लिए ताकत का स्त्रोत थे. दीपिका पादुकोण, करीना कपूर, अनुष्का शर्मा, माधुरी दीक्षित आदि जैसी बॉलीवुड की कई चोटी की अदाकाराओं के कपड़े डिजाइन कर चुके स्वप्निल ने अब अपना नाम सायशा रख लिया है.
इंस्टाग्राम पर उन्होंने अपनी नई तस्वीरें भी लगाई हैं, जिनमें स्पष्ट दिख रहा है कि दाढ़ी-मूछ और स्पाइक हेयरस्टाइल वाले एक युवक की जगह अब एक खूबसूरत महिला ने ले ली है. सायशा ने अपने स्वरूप-परिवर्तन के बारे में तो विस्तार से नहीं बताया है, लेकिन इतना जरूर कहा है कि जो लंबी जुल्फें उनकी नई तस्वीरों में नजर आ रही हैं वो दरअसल एक विग है, लेकिन वो ऐसा ही रूप बनाने की कोशिश कर रही हैं.
कई लोगों ने सायशा के इस कदम का स्वागत किया है और उन्हें बधाई दी है. अभिनेत्री हिना खान इन लोगों में से एक हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि सायशा ऐसा अपनी आत्मा की शक्ति की वजह से कर पाईं.
भारत में ट्रांसजेंडर लोगों के जीवन में आज भी बहुत संघर्ष है. समाज में इसे लेकर जानकारी का बहुत अभाव है इसलिए इस तरह से पहचाने जाने को सामाजिक स्वीकृति मिलने में भी बहुत मुश्किल आती है. यही वजह है कि ट्रांसजेंडर अपनी पहचान को पहले तो खुद ही स्वीकार नहीं कर पाते और खुद मान लेने के बाद दुनिया की नजरों में स्वीकृति पाने का लंबा संघर्ष करना पड़ता है.
शायद इसी वजह से सायशा शिंडे ने अपने एक बयान में यह भी कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि जो कोई भी उन्हीं की तरह के संघर्ष से गुजर रहा हो उसे उनकी कहानी से सहारा मिलेगा. उन्होंने लोगों से भी गुजारिश की है कि अपने इर्द-गिर्द देखें और इस तरह के संघर्ष से गुजरने वाले लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करें और उनका सहारा बनें.
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